डिजिटल फ्रॉड, को-लेंडिंग और रेपो रेट में कटौती पर आरबीआई के सक्रिय कदम से बढ़ेगा विश्वास, क्रेडिट की पहुंच और उपभोक्ता व्यय – खंडेलवाल

भाजपा सांसद एवं कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट ) के राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि आरबीआई के डिप्टी गवर्नर श्री स्वामीनाथन द्वारा डिजिटल फ्रॉड को लेकर दिए गए हालिया बयान तेजी से डिजिटल होती वित्तीय प्रणाली में एक गंभीर और तेजी से बढ़ते खतरे की समयोचित और आवश्यक स्वीकार्यता को दर्शाते हैं। जैसे-जैसे विभिन्न क्षेत्रों में डिजिटल लेन-देन बढ़ रहा है, मजबूत सुरक्षा ढांचे और त्वरित शिकायत निवारण प्रणाली की आवश्यकता और भी महत्वपूर्ण हो गई है। हम आरबीआई के इस सक्रिय दृष्टिकोण का स्वागत करते हैं और नियामक संस्थाओं, वित्तीय संस्थानों एवं फिनटेक प्लेटफॉर्म्स के बीच गहन सहयोग की आवश्यकता पर बल देते हैं ताकि एक सुरक्षित और सुदृढ़ डिजिटल अर्थव्यवस्था सुनिश्चित की जा सके।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी. सी. भरतीया ने कहा कि उतना ही महत्वपूर्ण है आरबीआई गवर्नर श्री संजय मल्होत्रा द्वारा को-लेंडिंग पर दिया गया जोर। यह नवाचार आधारित मॉडल प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्रों में ऋण प्रवाह को बेहतर बनाने में सफल रहा है और अब इसे अन्य क्षेत्रों तक विस्तार देना एक स्वागतयोग्य कदम है। यह छोटे व्यापारियों और व्यवसायों के लिए औपचारिक वित्त तक पहुंच को आसान बनाकर क्रेडिट प्रणाली का लोकतंत्रीकरण कर सकता है।
दोनों व्यापारिक नेताओं ने कहा कि इसके साथ ही, आरबीआई द्वारा मौद्रिक नीति में रेपो रेट में की गई कटौती एक अत्यंत दूरदर्शी और प्रगतिशील निर्णय है। यह कटौती न केवल उधारकर्ताओं पर ईएमआई का बोझ कम करेगी, बल्कि आम नागरिक के हाथ में अधिक बचत भी उपलब्ध कराएगी। यह अतिरिक्त राशि उपभोग की दिशा में खर्च होगी, जिससे विभिन्न क्षेत्रों की मांग में वृद्धि होगी और अर्थव्यवस्था को एक नई गति मिलेगी। विशेष रूप से रियल एस्टेट सेक्टर को इससे काफी लाभ होगा क्योंकि किफायती दरें लोगों की क्रय शक्ति को बढ़ाएंगी।
कैट मध्य प्रदेश एवं जबलपुर के सभी सदस्यों ने आरबीआई के इस कदम की सराहना करते हुए कहा ये एक समग्र कदम हैं और देश की आर्थिक पुनरुद्धार, वित्तीय स्थिरता और व्यापारी वर्ग के सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।