मध्यप्रदेशराज्य

भारत ने विज्ञान के क्षेत्र में गढ़े हैं नए कीर्तिमान : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा विज्ञान आधारित कार्यप्रणाली, जिज्ञासु प्रवृत्ति और नवीनतम तकनीकों के उपयोग को प्रोत्साहन से देश को मिली उपलब्धि
भारत में वैज्ञानिक व्यवस्थाओं के विकास की प्राचीन परंपरा विद्यमान है
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर विद्यार्थियों और युवाओं को किया संबोधित
“विकसित भारत के लिए विज्ञान और नवाचार में वैश्विक नेतृत्व में भारतीय युवाओं को सशक्त बनाने” की थीम पर विज्ञान भवन में आयोजित हुआ कार्यक्रम
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन स्टेम एजुकेशन का किया शुभारंभ
मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों द्वारा विज्ञान मॉडल और नवाचारों पर लगाई प्रदर्शनी का किया अवलोकन
मध्यप्रदेश विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद तथा वीआईटी भोपाल के मध्य, अकादमिक और वैज्ञानिक क्षेत्र में सहयोग के लिए हुआ एम.ओ.यू.
मुख्यमंत्री ने प्रौद्योगिकी परिषद के छह पोस्टरों का किया विमोचन
मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी की पत्रिका “रचना” का किया विमोचन

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि विज्ञान के आधार पर व्यवस्थित कार्यप्रणाली, जिज्ञासु प्रवृत्ति को प्रोत्साहन और नवीनतम तकनीकों के उपयोग ने देश को विश्व के शीर्ष राष्ट्रों में गिने जाने का मार्ग प्रशस्त किया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन से ही यह उपलब्धि संभव हो पाई है। राज्य सरकार शिक्षा सहित शासकीय कार्य प्रणाली और सामान्य व्यवस्थाओं के संचालन में विज्ञान का अधिक से अधिक उपयोग कर आम आदमी के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में निरंतर प्रयासरत है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर “विकसित भारत के लिए विज्ञान और नवाचार में वैश्विक नेतृत्व में भारतीय युवाओं को सशक्त बनाने” की थीम पर भोपाल में विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में विद्यार्थियों और युवाओं को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दीप प्रज्ज्वलित कर तथा माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसके पूर्व उन्होंने नोबल पुरूस्कार से सम्मानित महान वैज्ञानिक श्री सीवी रमन की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर “सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन स्टेम एजुकेशन” का विज्ञान भवन में शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सेंटर में प्रस्तुत मॉडल तथा विद्यार्थियों को विज्ञान के विभिन्न सिद्धांत, सरलता से समझाने में सहायक उपकरणों के संबंध में जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर विद्यार्थियों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया और विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए मॉडल और नवाचारों के संबंध में उनसे चर्चा की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने एक पेड़ माँ के नाम के अंतर्गत वृक्षारोपण किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने टीकमगढ़ से आए प्रगतिशील कृषक श्री पूरनलाल कुशवाहा से भेंट कर उनके द्वारा सिंचाई के लिए विकसित किए गए पवन और पानी से चलने वाले पंप का अवलोकन कर जानकारी भी प्राप्त की। कार्यक्रम में मध्यप्रदेश हिन्दी ग्रंथ अकादमी के संचालक श्री अशोक कड़ेल, निदेशक विक्रमादित्य शोधपीठ तथा मुख्यमंत्री के संस्कृति सलाहकार श्री श्रीराम तिवारी, मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक डॉ. अनिल कोठारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने फसल बीमा के लिए क्षमता विकास कार्यक्रम, 13वें मध्यप्रदेश कारीगर विज्ञान सम्मेलन, विज्ञान मंथन यात्रा, उद्यमिता विकास कार्यक्रम, विक्रमोत्सव-2025 के अंतर्गत राष्ट्रीय वैज्ञानिक सम्मेलन और विज्ञान उत्सव तथा पेटेंट और प्रौद्योगिकी आधारित प्रशिक्षण व केंद्र स्थापना पर विकसित पोस्टरों का विमोचन किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की उपस्थिति में मध्यप्रदेश विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद तथा वीआईटी भोपाल के मध्य अकादमिक और वैज्ञानिक क्षेत्र में परस्पर सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मध्यप्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी की पत्रिका “रचना” का भी विमोचन किया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में भारत का स्वर्णिम काल चल रहा है। भारत ने विज्ञान के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर नए कीर्तिमान गढ़े हैं, जिसमें कोविड के दौर में टीकाकरण और डिजिटल पेमेंट्स जैसे अनेकों नवाचार और व्यवस्थाएं शामिल हैं। कोविड काल में अमेरिका और इंग्लैंड जैसे देशों में व्यवस्थाएं प्रभावित हुई, लेकिन भारत जैसे बड़ी आबादी वाले देश में यही कार्य बड़ी ही निपुणता और प्रतिबद्धता से पूर्ण किया गया।

भारत में जिज्ञासा और विज्ञान के आधार पर व्यवस्थाओं के विकास की प्राचीन परंपरा रही है। पश्चिम में दूरबीन के अविष्कार के पहले से भारत में नवग्रह की पूजा की जाती रही है। भारत ने विश्व में सबसे पहले खगोल विज्ञान के अनेकों सिद्धांतों को प्रतिपादित किया। भगवान श्रीकृष्ण ने ‘यत पिंडे-तत् ब्रह्माण्डे’ के माध्यम से सृष्टि और मानव शरीर की एकरूपता का संदेश दिया। इसी प्रकार चरैवेति-चरैवेति में समय की निरंतरता का बोध होता है। गुरुत्वाकर्षण का नियम भी प्राचीन भारतीय शास्त्रों में निहित है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ब्रह्माण्ड में कई रहस्य बिखरे हुए है, इन्हें खोजना और समस्याओं का हल करना ही विज्ञान है। महान भारतीय वैज्ञानिक श्री चंद्रशेखर वेंकट (सीवी) रमन ने 28 फरवरी 1928 को रमन प्रभाव की खोज की थी। इसीलिए इस दिन को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भारतीय ज्ञान परंपरा और भारत में विकसित खगोल शास्त्र के विभिन्न सिद्धांतों पर विद्यार्थियों से संवाद किया।

महानिदेशक मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद श्री अनिल कोठारी ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में प्रदेश में विज्ञान एवं नवाचार, अनुसंधान और स्टार्ट-अप्स को बढ़ावा देने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा राज्य में विज्ञान के प्रति जागरूकता तथा विज्ञान नवाचार में शोध को बढ़ावा देने के लिए कई प्रयास जारी हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में हुए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के आयोजन ने विज्ञान एवं नवाचार के क्षेत्र में स्वर्णिम अध्याय लिखा है।

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