राज्य

बिहार के लोगों के लिए दुआ करता हूं…बाबा सिद्दीकी ने कब और क्यों कही थी ये बात? लालू यादव से था बेहद गहरा नाता

गोपालगंज. राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार गुट) के सीनियर लीडर और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्‍या कर दी गई है. उन्‍होंने हाल में ही कांग्रेस का दामन छोड़कर एनसीपी का हाथ थामा था. उनकी हत्‍या ऐसे समय में की गई है, जब महाराष्‍ट्र में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. बाबा सिद्दीकी मूल रूप से बिहार के गोपालगंज जिले के मांझा थाना क्षेत्र के शेख टोली के रहनेवाले थे. बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद हर कोई जानने की कोशिश कर रहा है कि बिहार से उनका कैसा रिश्ता था. ऐसे में बता दें कि आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के करीबी माने जाते थे. बिहार जब भी आते थे तब लालू प्रसाद से जरूर मुलाकात करते थे. बिहार की राजनीति से उनका कोई लगाव तो नहीं रहा, लेकिन बिहार की विकास पर बात करते थे.

बाबा सिद्दीकी बिहार के हैं इस बात की जानकारी भी उन्होंने खुद ही साझा की थी. चार साल पहले जून 2020 में उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर पोस्ट किया था जिससे यह बात लोगों ने जानी. दरअसल, वर्ष  2020 में बिहार के गोपालगंज में 83 लोगों की बिजली का करंट लगने की वजह से मौत हो गई थी. इस घटना पर दुख जताते हुए बाबा सिद्दीकी ने फेसबुक पर लिखा था, मेरे पिताजी का जन्म बिहार गोपालगंज मांझा में हुआ था, मुझे मांझा में बचपन की यादें हैं. 83 लोगों के परिवारों के लिए मेरी हार्दिक संवेदना है जो बिजली के वोल्ट के कारण गुजर गए. इन कठिन समय में मैं बिहार के लोगों के लिए दुआ करता हूं. मांझा में पिछली यात्रा से कुछ तस्वीरें साझा कर रहा हूं.

बता दें कि बाबा सिद्दीकी का पुश्तैनी घर माझा ब्लॉक के शेख टोली गांव में है. बाबा सिद्दीकी का बचपन गोपालगंज के शेख टोली गांव में गुजरा. वे मुंबई के बांद्रा में अपने पिता अब्दुल रहीम के साथ वॉच मेकर (घड़ी कारीगर) का काम करने 1977 में मुंबई गए. अपने मेहनत के बल पर बाबा सिद्दीकी ने मुंबई युवा कांग्रेस का महासचिव बने. फिर फिल्म अभिनेता और कांग्रेस नेता सुनील दत्त के संपर्क में आये. उसके बाद फिर बाबा सिद्दीकी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और लगातार मुंबई के बांद्रा पूर्व से तीन बार विधायक बने और इसी दौरान उन्हें राज्यमंत्री बनाया गया.

बाबा सिद्दीकी ने अपने जीवन के शुरुआती पांच साल गोपालगंज के शेख टोली गांव में गुजारे थे. हाल ही में गोपालगंज आये बाबा सिद्दीकी ने अपने गांव के पुराने मित्र और परिवार के सदस्यों से मुलाकात की थी. यहां एक सरकारी विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में शिक्षा संबंधित सामग्री का वितरण भी किया था. बाबा सिद्दीकी ने अपने फेसबुक पर भी लिखा था कि गोपालगंज से मेरा बचपन जुड़ा है और यहां काफी दिनों बाद आया हूं.

बाबा सिद्दीकी के ममेरे भाई मोहम्मद जलालुद्दीन का परिवार आज भी इसी गांव में रहता है. बाबा सिद्दीकी ने 26 जून 2020 में एक फेसबुक पोस्ट की थी, जिसमें उन्होंने अपने और गोपालगंज के मांझा शहर से रिश्ता बताया था. यादें शेयर करते हुए उन्होंने लिखा था कि मेरे पिता का जन्म मांझा में हुआ था और मुझे मेरे बचपन की कई यादें इसी शहर से जोड़ती हैं.

बाबा सिद्दीकी ने गोपालगंज में क्रिकेट अकादमी और क्रिकेट के क्षेत्र की विकास के लिए अहम योगदान दिए. शिक्षा से जुड़ी हुई बात हुई या फिर क्रिकेट की विकास की बात हो, गोपालगंज के खिलाड़ियों को हमेशा मदद करते थे. आज उनकी हत्या की खबर पाकर शेख टोली गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है. लोग शोक संवेदना भी व्यक्त कर रहे हैं.
बता दें कि सितंबर, 1956 में जन्म के बाद बाबा ने छात्र जीवन से ही सियासत की शुरुआत कर दी थी. 1977 में बाबा सिद्दीकी कांग्रेस पार्टी की छात्र इकाई (नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया) NSUI से जुड़े थे और बाद में मुंबई के बांद्रा पश्चिम में बाबा सिद्दीकी आकर बस गए जहां फिल्मी सितारों का जमघट लगता था. उनके बॉलीवुड के कई सितारों से बेहतर ताल्लुकात थे.
 

News Desk

The News Desk at Janmorcha.in is committed to delivering timely, accurate, and in-depth coverage of the latest events from across the globe. Our team of seasoned journalists and editors work tirelessly to ensure that our readers are informed with the most current and reliable news. Whether it's breaking news, politics, sports, or entertainment, the News Desk is dedicated to providing comprehensive analysis and insights that matter to our audience. Trust the News Desk at Janmorcha.in to keep you informed with the news that shapes the world around us.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button