ब्रिटेन में सिखों की बढ़ती निगरानी, आतंकवाद अधिनियम के तहत हवाई अड्डों पर पूछताछ
ब्रिटिश सिखों को हवाई अड्डों पर रोका जा रहा है और भारत के प्रति उनके रवैये के बारे में पूछताछ की जा रही है। इससे यूके में बसे पंजाबी समुदाय की चिंता बढ़ गई है।
संसद में जालंधर मूल की सांसद प्रीत गिल ने गृह सचिव यवेटे कूपर को पत्र लिखकर कई ब्रिटिश सिखों पर अपनी चिंता व्यक्त की है, जिनके बारे में उनका कहना है कि ब्रिटेन में दोबारा प्रवेश करने पर उन्हें रोका गया और उनसे लंबी पूछताछ की गई। यह प्रश्न दशकों पुराने विवाद पर केंद्रित हैं कि क्या सिखों को दक्षिण एशिया में अपनी मातृभूमि दी जानी चाहिए ? इसका क्या मतलब है ?
सांसद गिल ने कहा कि एक व्यक्ति को तुर्की में पारिवारिक छुट्टियों से लौटते समय मैनचेस्टर हवाई अड्डे पर कई घंटों तक रोका गया और उस दौरान उससे पूछा गया कि सिख धर्म, भारत के विभाजन और निज्जर की मृत्यु पर उसके क्या विचार हैं। जालंधर के एक सिख व्यक्ति पत्नी के साथ यूके गए तो उनको भी रोककर ऐसे सवाल किए गए? क्या सिख एक अलग राज्य चाहते हैं, ऐसे भी सवाल किए गए।
सांसद गिल ने कहा कि उनके पास मौजूद वास्तविक सबूत मुझे चिंता का कारण देते हैं, कि कानून का पालन करने वाले सिखों को निशाना बनाया जा रहा है, और बिना किसी स्पष्ट कारण उनसे अनुचित पूछताछ की जा रही है। कानून का पालन करने वाले सिख पीड़ित और असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। ये प्रक्रियाएं निष्पक्ष, निष्पक्ष हों और सभी समुदायों के साथ समान गरिमा और सम्मान के साथ व्यवहार किया जाना चाहिए।
ब्रिटेन में, सिख कार्यकर्ता अवतार सिंह खंडा की पिछले जून में अचानक मृत्यु हो गई थी। इससे पहले खंडा ने कहा था कि पंजाब में उनके परिवार को धमकी दे रही थी। कंजर्वेटिव सांसद नील ओ''''ब्रायन ने इस साल की शुरुआत में कूपर के पूर्ववर्ती जेम्स क्लेवरली को पत्र लिखकर खंडा की मौत पर चिंता व्यक्त की थी और तत्कालीन गृह सचिव से इस मामले में वेस्ट मिडलैंड्स पुलिस से उनकी जांच पर जवाब मांगने का आग्रह किया था।
यूके के परमजीत सिंह का कहना है कि बिना किसी वकील के उपलब्ध हुए लोगों को रोका जा रहा है और उनसे पूछताछ की जा रही है। उनसे कहा गया है कि उन्हें अपने मोबाइल और अपने सोशल मीडिया पासवर्ड सौंपने होंगे। फिर उनसे बहुत व्यापक प्रश्न पूछे जाते हैं जैसे: खालिस्तान और भारत पर आपके क्या विचार हैं? यह बहुत व्यापक है।