संस्कृति - अयोध्या

गीता उपदेश: भगवान श्रीकृष्ण ने बताये 3 अवगुण, जिनके कारण मनुष्य कभी नहीं हो पाता सफल, हमेशा भोगता है दुख

सनामत धर्म में मौजूद सभी ग्रंथों में श्रीमद्भगवद्गीता को एक श्रेष्ठ ग्रंथ के रुप में देखा जाता है. क्योंकि इसमें श्रीकृष्ण द्वारा द्वापर में जो सैद्धांतिक उपदेश दिये थे. उन्हें आज के युग में भी उतने ही महत्व और प्रासंगित तौर पर माना जाता है. गीता के उपदेश लोगों को जीवन जीने की कला सिखाते हैं. शायद इसलिए ही श्रीमद्भगवद्गीता को ना सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में भी काफी महत्व दिया जाता है.

दुनियाभर में कई ऐसे लोग हैं जो कि श्रीमद्भगवद्गीता को पढ़ना पसंद करते हैं, माना जाता है कि जो भी व्यक्ति इस ग्रंथ को एक बार पढ़ लेता है और इसकी गहराईयों को समझ जाता है व जीवन के हर पहलु को एक सकारात्मक और सही मार्ग को चुनने की क्षमता रखता है. लेकिन आपको बता दें कि श्रीमद्भगवत गीता में श्रीकृष्ण ने मनुष्य के 3 अवगुणों के बारे में बताया है, जिनके होने से व्यक्ति कभी सफल नहीं हो पाता है.

किसी भी चीज, व्यक्ति से अधिक लगाव
गीता में श्रीकृष्ण ने गीता में इस बात का उल्लेख किया है कि जब कोई मानव किसी भी वस्तु, विचार या फिर व्यक्ति से जरुरत से ज्यादा जुड़ाव रखता है तो ऐसे में हमारी ऊर्जा और ध्यान उसी में लगा रहता है और इस स्थिति में हम अपने लक्ष्य से भटक जाते हैं. जिसके परिणामस्वरुप हम जीवन में उद्देश्य को भूलकर दूसरे कार्यों में अपना समय व दिमाग उपयोग करते हैं, यही कारण हमारी सफलता में अड़चन बनता है और हम असफल रहते हैं. इसलिए श्रीकृष्ण कहते हैं कि, आसक्ति से मुक्त होने के लिए हमें उन चीजों से दूरी बनानी होगी, जिनसे हम अत्यधिक जुड़ गए हैं.

घमंड
श्रीमद्भगवद्गीता में श्री कृष्ण रहते हैं कि घमंड व्यक्ति को विनाश की तरफ ले जाता है और ये व्यक्ति की बुद्धि को भी दूषित कर देता है. घमंड के रहते व्यक्ति कभी किसी के साथ अच्छे व मधुर संबंध नहीं बना पाता और ना ही ऐसे लोग कभी अपनी गलतियों को स्वीकार करते हैं. जो कि इसके लिए बहुत घातक होता है. क्योंकि जब तक व्यक्ति में अपनी गलती नहीं स्वीकारेगा तब तक वह उसे सुधारने में भी असफल रहेगा. इतना ही नहीं मनुष्य में घमंड का होना उसे पतन व नाश की तरफ ले जाता है, जिससे की वह कभी सफल नहीं बन पाता, इसलिए कभी भी घमंड ना करें.

आलस
आलस एक ऐसा अवगुण है जो व्यक्ति को कभी आगे नहीं बढ़ने देता है. आलसी व्यक्ति हर दिन अपने काम को कल पर टालता है और यही आदत उसके असफल होने का कारण बन जाती है. भगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने बताया है कि आलस्य व्यक्ति को कभी सफल नहीं होने देता क्योंकि आलसी व्यक्ति सिर्फ आराम करना चाहता है और वह हर काम को करने से कतराता है. लेकिन सफलता तो परिश्रम करने वाले को मिलती है, क्योंकि वह समय पर काम कर पाता है. गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि आलसी व्यक्ति को कभी सुख नहीं मिल पाता है. अतः आलस्य को त्याग कर आगे बढ़ना चाहिए.

News Desk

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