छत्तीसगढ़राज्य

रायपुर जेल पहुंची EOW की टीम, पूर्व मंत्री कवासी लखमा से करेगी पूछताछ

रायपुर

 छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2161 करोड़ के शराब घोटाला मामले में जेल में बंद पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा से अब आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने भी पूछताछ शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, आज सुबह DSP और इंस्पेक्टर स्तर के दो अधिकारियों की टीम रायपुर सेंट्रल जेल पहुंची, जहां वे लखमा से इस घोटाले के पैसों के नक्सल कनेक्शन समेत 12 अहम सवालों पर जवाब मांगेंगे।

EOW को कोर्ट से मिली दो दिन की अनुमति
EOW की टीम को 19 और 20 मार्च को पूछताछ की इजाजत मिली है। इससे पहले, जांच एजेंसी ने ईडी की विशेष कोर्ट से अनुमति लेकर यह कार्रवाई की। सूत्रों के मुताबिक, जांच के दौरान यह इनपुट मिला है कि आबकारी घोटाले से जुड़े पैसे का कुछ हिस्सा नक्सलियों तक भी पहुंचा है। अब EOW इस मामले में लखमा से सीधे सवाल करेगी।

सचिन पायलट ने की लखमा से मुलाकात
गौरतलब है कि आज इससे पहले कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट रायपुर सेंट्रल जेल पहुंचे, जहां उन्होंने कवासी लखमा से मुलाकात की। उनके साथ नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज, विधायक देवेंद्र यादव समेत कई वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे। माना जा रहा है कि इस मुलाकात में लखमा की कानूनी लड़ाई और पार्टी की आगे की रणनीति पर चर्चा हुई।

गौरतलब है कि कवासी लखमा फिलहाल प्रवर्तन निदेशालय (ED) की न्यायिक रिमांड पर रायपुर जेल में बंद हैं। आबकारी घोटाले को लेकर पहले ही कई बड़े अधिकारियों और कारोबारियों पर शिकंजा कस चुका है। अब देखना होगा कि EOW की पूछताछ से इस मामले में और कौन-कौन से नए खुलासे होते हैं।

21 जनवरी से जेल में हैं कवासी लखमा
गौरतलब है कि शराब घोटाले मामले में ED ने 15 जनवरी को कवासी लखमा को गिरफ्तार किया था। इससे पहले उनसे 2 बार ED दफ्तर बुलाकर पूछताछ की गई थी। गिरफ्तारी के 7 दिन बाद पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को पहले ED ने 7 दिन कस्टोडियल रिमांड में लेकर पूछताछ की थी। उसके बाद 21 जनवरी से 4 फरवरी तक लखमा को 14 दिन के न्यायिक रिमांड पर भेजा गया था। पिछली सुनवाई के दौरान जेल में पर्याप्त सुरक्षा बल नहीं होने के कारण लखमा की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई थी। सुनवाई के बाद कोर्ट ने लखमा की 18 फरवरी तक रिमांड बढ़ा दी थी।

क्या है शराब घोटाला?
तत्कालीन भूपेश सरकार में पूर्व IAS अनिल टुटेजा, उनके बेटे यश टुटेजा और CM सचिवालय की तत्कालीन उपसचिव सौम्या चौरसिया के खिलाफ आयकर विभाग ने दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में 11 मई, 2022 को याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया कि छत्तीसगढ़ में रिश्वत, अवैध दलाली के बेहिसाब पैसे का खेल चल रहा है। इसमें रायपुर महापौर रहे एजाज ढेबर का भाई अनवर ढेबर अवैध वसूली करता है। दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में दायर याचिका के आधार पर ED ने 18 नवंबर, 2022 को PMLA एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था। आयकर विभाग से मिले दस्तावेजों के आधार पर ED ने जांच के बाद 2161 करोड़ के घोटाले की बात का कोर्ट में पेश चार्जशीट में जिक्र किया था।

ED ने अपनी चार्जशीट में बताया कि किस तरह एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर के आपराधिक सिंडिकेट के ज़रिए आबकारी विभाग में बड़े पैमाने पर घोटाला किया गया। ED ने चार्जशीट में कहा कि 2017 में आबकारी नीति में संशोधन कर CSMCL के ज़रिए शराब बेचने का प्रावधान किया गया, लेकिन 2019 के बाद शराब घोटाले के किंगपिन अनवर ढेबर ने अरुणपति त्रिपाठी को CSMCL का MD नियुक्त कराया। उसके बाद अधिकारियों, कारोबारियों और राजनैतिक रसूख वाले लोगों के सिंडिकेट के ज़रिए भ्रष्टाचार किया गया, जिससे 2161 करोड़ का घोटाला हुआ। इस मामले में ED ने 15 जनवरी को कवासी लखमा को गिरफ्तार किया था।

ED ने कोर्ट में 3,841 पन्नों की चार्जशीट की पेश
गौरतलब है कि 13 मार्च को शराब घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने स्पेशल कोर्ट में 3,841 पन्नों का चालान पेश किया है, जिसमें जेल में बंद पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा समेत 21 अन्य को आरोपी बनाया गया है।अब इस मामले में अगली सुनवाई 22 मार्च को होगी।

News Desk

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