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MP News: जनप्रतिनिधियों से संवाद और नागरिकों को सुशासन दिलाना प्राथमिकता: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव…

भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि जनता की संतुष्टि ही हमारा ध्येय है। जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरना ही सुशासन है, इसलिए प्रदेश के हर नागरिक को सुशासन का लाभ दिलाना सुनिश्चित करें। स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ बेहतर संवाद स्थापित करें और उनके सुझावों पर भी अमल करें।

हरसंभव तरीके से अपनी दक्षता और क्षमता बढ़ायें। जिले में चल रही सभी प्रकार की घटनाओं पर पैनी नजर रखें। योजनाओं का समय-सीमा में क्रियान्वयन सुनिश्चित हों, इसके लिए बेहतर से बेहतर प्रबंधन करें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश के सभी कलेक्टर्स को यह निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार को समत्व भवन (मुख्यमंत्री निवास) से समाधान ऑनलाइन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने समाधान ऑनलाईन में आए प्रदेश के 14 जिलों के विभिन्न प्रकरणों की सीधी सुनवाई की और आवेदकों से रू-ब-रू बात कर उनके मामले के निराकरण की स्थिति की जानकारी ली। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सभी कलेक्टर्स सरकार की योजनाओं के डिलेवरी सिस्टम के मजबूती के लिये प्रयास करें।

नागरिकों के काम समय पर हों और उन्हें अपनी छोटी-छोटी जरूरतों के लिये यहां-वहां भटकना न पड़े, यह सुनिश्चित किया जाये। समाधान ऑनलाइन में मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव (मुख्यमंत्री कार्यालय) डॉ. राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव गृह श्री जे.एन. कंसोटिया, पुलिस महानिदेशक श्री कैलाश मकवाना सहित सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव एवं सचिव उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सीएम हेल्पलाईन में प्राप्त होने वाले सभी आवेदनों का तय समय-सीमा में ही निराकरण किया जाये। यदि कोई मसला समाधान ऑनलाईन में आ रहा है तो यह गंभीर है। सुशासन के तहत स्थानीय स्तर पर ही आवेदकों को उनकी समस्या का निदान मिल जाये, यह सुनिश्चित किया जाना अत्यंत आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा सभी योजनाओं में जिलों के प्रदर्शन की ग्रेडिंग कराई गई है। जिला एवं पुलिस प्रशासन के बारे में फीडबैक भी लिया जा रहा है। ग्रेडिंग में अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन न करने वाले जिले अपना प्रदर्शन सुधार लें और नागरिकों को बेहतर प्रशासन एवं व्यवस्थाओं को कस्टमर फ्रेंडली बनाकर उनका विश्वास हासिल करें।

किसान पराली न जलायें, इसके लिये उन्हें समझाइश दें

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सभी कलेक्टर्स अपने-अपने जिले में किसानों को जागरूक करें। कलेक्टर्स किसानों को यह समझायें कि वे किसी भी स्थिति में अपने खेत में पराली या अन्य फसल अवशेष न जलायें। किसानों को पराली जलाने से पर्यावरण प्रदूषण फैलने के साथ-साथ खेत की मिट्टी के जलने से उसकी उर्वरता कम होने से जुड़े भावी नुकसान के बारे में भी बतायें। उन्होंने कहा कि पराली को जलाना ही कोई हल नहीं है। किसान दूसरे तरीकों से भी पराली का निदान या निपटान कर सकते हैं।

समाधान ऑनलाईन में आये ये 14 मामले

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने समाधान ऑनलाईन में पांढुर्णा, मुरैना, उमरिया, नीमच, भिंड, बैतूल, निवाड़ी, रायसेन, नर्मदापुरम एवं धार जिले के एक-एक मामले तथा शहडोल और सतना जिले के 2-2 मामलों (कुल 14 प्रकरणों) की सीधी सुनवाई की।

पांढुर्णा जिले की आवेदिका श्रीमती कलावती हिंगवे ने शिकायत की थी कि उन्हें कपिलधारा कूप निर्माण, मेढ़ बंधान, खेत-तालाब, भूमि शिल्प, नंदन फल उद्यान के संबंध में मनरेगा की ओर से भुगतान नहीं किया गया था। कलेक्टर पांढुर्णा ने बताया‍कि इस मामले में दोषी ग्राम रोजगार सहायक को पद से पृथक कर दिया गया है। पंचायत सचिव को निलंबित कर दिया गया है। दोषी सब इंजीनियर का 15 दिन का वेतन रोका गया और दोषी पाये गये सहायक यंत्री के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव कमिश्नर जबलपुर को भेज दिया गया है। वर्तमान में आवेदिका को उसका भुगतान करा दिया गया है।

मुरैना जिले के आवेदक श्री ब्रह्मलाल सिंह ने उसके फौती नामांतरण में देरी होने की शिकायत की थी। कलेक्टर ने बताया कि इस मामले में संबंधित नायब तहसीलदार को नोटिस दिया गया है और पटवारी पर भी कार्रवाई की गई है।

उमरिया जिले के आवेदक श्री दीपक कोरी ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय नि:शक्त पेंशन योजना में उसे पेंशन न मिलने की शिकायत की थी। आवेदक ने बताया कि शिकायत करने के बाद अब उसे पेंशन मिल रही है। कलेक्टर उमरिया ने बताया कि हितग्राही को पेंशन मिलने में देरी के लिये दोषी पाये गये समग्र सामाजिक न्याय अधिकारी की एक वेतन वृद्धि रोकी गई है। ग्राम पंचायत सचिव को कारण बताओ नोटिस दिया गया है और इस संबंध में देरी के लिये विशेष रूप से दोषी पाये गये ग्राम रोजगार सहायक से अर्थदंड की राशि तीन हजार रूपए वसूल करके आवेदक को दे दी गई है।

नीमच जिले के आवेदक श्री लालाराम भील ने उसे दिये गये वनाधिकार हक प्रमाण पत्र में वन विभाग की गलती के कारण उसे लाभ न मिलने की शिकायत की थी। अपर मुख्य सचिव वन श्री अशोक बर्णवाल ने बताया कि जारी किये गये वनाधिकार प्रमाण पत्र में शाब्दिक/तकनीकी त्रुटि के कारण आवेदक के साथ यह परिस्थिति बनी। निराकरण कर अब आवेदक को उसके हक की 9 लाख 28 हजार 200 रूपए की शासकीय राशि भुगतान कर दी गई है।

भिंड जिले के आवेदक (छात्र) श्री दिनेश चरकोटा ने उसे जनजातीय कार्य विभाग की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति न मिलने की शिकायत की थी। कलेक्टर भिंड ने बताया कि आवेदक को छात्रवृत्ति मिलने में विलंब के‍लिये दोषी क्षेत्र संयोजक पर कार्रवाई की गई है। इसके अलावा जिला संयोजक (जो पहले से ही निलंबित चल रहे हैं) के निलंबन आरोप में इस मामले के आरोप भी जोड़ दिये गये हैं।

बैतूल जिले के आवेदक (किसान) श्री अनोखीलाल यादव ने सहकारिता विभाग द्वारा जारी उसके केसीसी किसान क्रेडिट कार्ड का नवीनीकरण नहीं होने के कारण उसे कठिनाई होने की शिकायत की थी। आवेदक ने बताया कि उसने वर्ष- 2022 में शिकायत की थी। कलेक्टर बैतूल ने मामले में अद्यतन जानकारी देते हुये बताया‍कि आवेदक द्वारा जमा की गई राशि का संबंधित शाखा प्रबंधक द्वारा गबन कर लिया गया था। इसलिए प्रबंधक पर एफआईआर की गई, फिर उससे वसूली भी की गई है।

निवाड़ी जिले के आवेदक श्री चेनू कुशवाहा ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत उसे आवास राशि का लाभ न मिलने की शिकायत की थी। कलेक्टर निवाड़ी ने बताया कि आवेदक का जिस ब्रांच में खाता है, उसी ब्रांच में चेनू कुशवाहा नाम के किसी अन्य व्यक्ति का भी खाता है। नगर परिषद द्वारा गफलत में उस दूसरे व्यक्ति के खाते में आवेदक की आवास राशि जमा करा दी गई थी, आवास की राशि वसूल कर आवेदक श्री चेनू कुशवाह को दे दी गई है।

रायसेन‍जिले के आवेदक श्री बालचंद विश्वकर्मा ने उसके बेटे की आकस्मिक मृत्यु पर बीमा राशि का लाभ नहीं मिलने की शिकायत की थी। कलेक्टर रायसेन ने बताया कि प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत दो लाख रूपए की बीमा राशि का भुगतान कर दिया गया है। इसके लिये संबंधित बैंक के ब्रांच मैनेजर स्वयं आवेदक के गांव गए थे। यह जानकारी मिलने पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने संबंधित ब्रांच मैनेजर की प्रशंसा की।

नर्मदापुरम जिले के आवेदक श्री राहुल यादव ने उसके गांव में नल-जल योजना के काम पूरे होने के बाद भी उन्हें पेयजल प्राप्त न होने की शिकायत की थी। कलेक्टर नर्मदापुरम ने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत यह काम कराया गया था। पीएचई की तरफ से संबंधित कम्पनी से जवाब मांगा गया है। वर्तमान में गांव में एक नलकूप है, जिससे परिवार पेयजल प्राप्त कर रहे हैं। इस गांव में 9 नलकूपों का खनन होना है, जिसका काम 31 मई 2025 तक पूरा हो जाएगा।

धार जिले की आवेदिका श्रीमती सीमा दांगी के पति श्री रामा दांगी ने बताया कि उन्हें विवाह प्रमाण पत्र की आवश्यकता थी, जो उन्हें नहीं मिल सका, इसलिए उन्होंने सीएम हेल्पलाईन में शिकायत की थी। कलेक्टर धार ने बताया कि इस मामले में संबंधित ग्राम पंचायत सचिव को निलंबित कर दिया गया है और उससे 5 हजार रूपए का अर्थदंड भी वसूल किया गया है।

शहडोल जिले के आवेदक श्री अक्षय लाल कोल ने उसे अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत सहायता राशि नहीं मिली। बताया गया कि प्रथम किश्त का भुगतान आवेदक को किया जा चुका है, दूसरी किश्त चालान प्रस्तुत न होने के कारण नहीं दी जा सकी है। कलेक्टर शहडोल ने बताया कि 7 अप्रैल 2025 को आवेदक का प्रकरण मंजूर कर उसे 2 लाख रूपए दे दिए गए हैं, प्रकरण में विलंब होने की जांच की जा रही है, जो भी दोषी होगा उस पर कार्रवाई की जाएगी।

इसी जिले के अन्य आवेदिका (छात्रा) प्रभा कनिका ने उसे कन्या शिक्षा प्रोत्साहन योजना के तहत छात्रवृत्ति राशि न मिलने की शिकायत की थी। शिकायत करने के बाद उसे यह राशि मिल गई है। कलेक्टर ने बताया कि छात्रवृत्ति की राशि विलंब से देने के लिये दोषी प्राथमिक शिक्षक 2 वेतन वृद्धियां रोक दी गई हैं और जिला शिक्षा अधिकारी तथा संभागीय संयुक्त संचालक शिक्षा को भी उनके विभागीय मुख्यालय द्वारा शोकॉज नोटिस जारी किया गया है।

सतना‍जिले के आवेदक (किसान) श्री रामलाल सिंह ने उसके गेहूं उपार्जन का भुगतान नहीं होने की शिकायत की थी। आवेदक ने बताया कि अब उसे उसकी उपार्जन राशि का भुगतान मिल गया है। कलेक्टर सतना ने जानकारी दी कि मामले में दोषी जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम को उनके विभागीय मुख्यालय से शोकॉज नोटिस देकर उन्हें निलंबित कर दिया गया है।

दोषी कम्प्यूटर ऑपरेटर को पद से हटा दिया गया है। मामले में दोषी 2 अन्य व्यक्तियों की सेवा समाप्त कर दी गई है। इसी जिले के आवेदक श्री जानकी दास ने मध्यप्रदेश भवन संनिर्माण एवं कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत विवाह सहायता राशि नहीं मिलने की शिकायत की गई थी। कलेक्टर सतना ने बताया कि इनके मामले में आवेदक को 51 हजार रूपए राशि का भुगतान कर दिया गया है। मामले में विलंब के दोषी संबंधित कर्मचारी की विभागीय जांच प्रारंभ कर दी गई है।

News Desk

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