बैंक कर्मचारी महिला हुई डिजिटल अरेस्ट का शिकार, असली पुलिस ने पहुंचकर बचाया
भोपाल: भोपाल की एक महिला बैंक कर्मचारी को डिजिटली अरेस्ट कर साइबर ठगी का प्रयास किया गया। जालसाज के कॉल से घबराई महिला ने खुद को कमरे में बंद कर लिया और वीडियो कॉल पर बात करने लगी, तभी परिजनों को शक हुआ। उनकी सूचना पर पुलिस पहुंची और बैंक कर्मचारी को डिजिटली अरेस्ट से मुक्त कराकर साइबर ठगी से बचाया। महिला ने जालसाजों की शिकायत कोलार थाने में की है। जानकारी के मुताबिक 30 वर्षीय प्रणाली थुल अपने परिवार के साथ कोलार के दानिश कुंज में रहती हैं। वह बैंक ऑफ इंडिया में क्लर्क का काम करती हैं। प्रणाली की सास संगीता ने बताया कि रविवार को वे दोनों घर में अकेली थीं। दोपहर 12:40 बजे प्रणाली के पास एक कॉल आया, कॉल करने वाले ने खुद को एसबीआई बैंक का प्रतिनिधि बताया। उसने कहा कि आपके खाते से 2 करोड़ 56 लाख रुपए का अवैध ट्रांजेक्शन हुआ है। मुंबई क्राइम ब्रांच पुलिस इसकी जांच कर रही है।
आधार नंबर बताया, बैंक डिटेल भी देने वाली थी
जब एक जालसाज का फोन कट गया तो तुरंत उसके मोबाइल पर दूसरे जालसाज का वीडियो कॉल आया। तब तक प्रणाली दूसरे कमरे में चली गई थी और अंदर से दरवाजा बंद कर लिया था। दूसरे जालसाज ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया। वह वर्दी में था और वीडियो कॉल पर ऐसे दिखा जैसे वाकई पुलिस ऑफिस में बैठा हो। इसके बाद उन्होंने पूछताछ शुरू की। करीब 40 मिनट बात करने के बाद प्रणाली ने जालसाजों को अपना आधार कार्ड दिखाया और नंबर भी बताए, जालसाजों ने बैंक डिटेल भी मांगी।
संगीता ने बताया कि काफी देर तक दरवाजा खटखटाने के बावजूद प्रणाली नहीं मानी तो उसने खिड़की से झांका, वीडियो कॉल पर बात करते हुए वह परेशान दिख रही थी। इसके बाद मैंने अपने पड़ोसियों और पुलिस को सूचना दी।
पुलिसकर्मियों ने कहा-वे नकली पुलिस हैं, तब खोला दरवाजा
कोलार थाने में तैनात हेड कांस्टेबल कैलाश जाट, कांस्टेबल बलराम कुर्मी और अजय झारिया ने महिला को बचाया। कैलाश का कहना है कि हमें देखकर प्रणाली भ्रमित हो गई। उसे लगा कि वो जिन लोगों से फोन पर बात कर रही है, वो असली पुलिस वाले हैं। खिड़की से झांककर हमने उसे बताया कि वो नकली पुलिस वाले हैं, इसके बाद उन्होंने फोन काट दिया और दरवाजा खोल दिया।