संस्कृति - अयोध्या

उत्तर में नीला तो दक्षिण में किस कलर का हो डोरमैट, दिशा अनुसार मुख्य द्वार पर रखें शुभ रंग का पैरदान, घर में आएगी समृद्धि!

हमारे घर में हर एक वस्तु का स्थान और उपयोग महत्त्वपूर्ण होता है. घर की दिशा और वास्तु का पालन करने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह सुनिश्चित किया जा सकता है. अगर आप अपने घर के मुख्य द्वार पर डोरमैट रखना चाहते हैं, तो रंग का चयन बेहद जरूरी हो जाता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, सही रंग का डोरमैट रखने से घर में समृद्धि, सुख-शांति और स्थिरता बनी रहती है. आइए जानते हैं

उत्तर दिशा के लिए नीला रंग
उत्तर दिशा को जल तत्व का प्रतीक माना जाता है, और यह दिशा बुध ग्रह के प्रभाव में होती है. इस दिशा में नीले या गहरे नीले रंग की डोरमैट रखना लाभकारी होता है. नीला रंग मानसिक शांति, करियर में उन्नति और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाने में मदद करता है. यह रंग घर में शीतलता और समृद्धि लाता है. इसलिए, यदि आपके घर का मुख्य द्वार उत्तर दिशा की ओर है, तो इस दिशा में नीले रंग की डोरमैट रखें.

दक्षिण दिशा में रखें लाल रंग की डोरमैट
दक्षिण दिशा को अग्नि तत्व से जोड़ा जाता है, और इसका स्वामी मंगल ग्रह है. इस दिशा में लाल रंग की डोरमैट रखना शुभ माना जाता है. लाल रंग न केवल घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है, बल्कि यह आत्मविश्वास, जोश और शक्ति को भी बढ़ाता है. यह रंग घर में उन्नति, सफलता और सामर्थ्य लाने में मदद करता है. यदि आपके घर का मुख्य द्वार दक्षिण दिशा में है, तो लाल रंग की डोरमैट रखें.

पश्चिम दिशा के लिए मिट्टी के रंग की डोरमैट
पश्चिम दिशा को पृथ्वी तत्व से जोड़ा गया है, और यह स्थिरता और संतुलन का प्रतीक मानी जाती है. इस दिशा में भूरे या मिट्टी के रंग की डोरमैट रखना शुभ रहता है. यह रंग घर में स्थिरता, सुरक्षा और समृद्धि लाता है. यदि आपका मुख्य द्वार पश्चिम दिशा की ओर खुलता है, तो इस दिशा में मिट्टी के रंग की डोरमैट रखें, जिससे आपके घर में समृद्धि का प्रवेश हो सके.

पूर्व दिशा के लिए बादामी या मैरून रंग
पूर्व दिशा को सूर्य की दिशा माना जाता है, और यह ऊर्जा, शक्ति और नई शुरुआत का प्रतीक है. इस दिशा में बादामी या मैरून रंग की डोरमैट रखना घर के लिए शुभ होता है. यह रंग सकारात्मकता, समृद्धि और नई शुरुआत के द्वार खोलता है. साथ ही, यह पारिवारिक सुख और सामंजस्य को बढ़ाता है. अगर आपके घर का मुख्य द्वार पूर्व दिशा की ओर है, तो इन रंगों की डोरमैट रखना उचित होगा.

डोरमैट का रखरखाव और सही आकार
वास्तु शास्त्र के अनुसार, डोरमैट को हमेशा साफ और व्यवस्थित रखना चाहिए. गंदे और पुराने डोरमैट घर की ऊर्जा को नकारात्मक बना सकते हैं. इसलिए समय-समय पर डोरमैट को बदलें और इसे मुख्य द्वार के अनुपात में रखें. डोरमैट का आकार न तो बहुत बड़ा होना चाहिए, न ही बहुत छोटा, ताकि यह मुख्य द्वार के आकार से मेल खाए और घर की ऊर्जा को संतुलित कर सके.

सही दिशा में डोरमैट का placement
डोरमैट को हमेशा मुख्य द्वार के ठीक बाहर रखें, ताकि घर में प्रवेश करने से पहले बाहरी नकारात्मक ऊर्जा रुक जाए. यह घर के अंदर केवल सकारात्मकता को प्रवेश करने का अवसर देता है. डोरमैट के रंग का सही चयन और उसका सही स्थान घर के भीतर सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को सुनिश्चित करता है.

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