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बजट सत्र 2025: आज से शुरू होगा संसद का सत्र, राष्ट्रपति का अभिभाषण होगा पहला चरण

आज से शुरू हो रहे बजट सत्र के काफी हंगामेदार रहने के आसार हैं। खासकर बजट के बाद सत्र हंगामेदार रहेगा। इसके संकेत गुरुवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में साफ तौर पर देखने को मिले हैं।

महाकुंभ की अव्यवस्थाओं पर चर्चा की मांग
सत्र की शुरुआत से ठीक पहले प्रयाग में आयोजित महाकुंभ में मची भगदड़ को लेकर विपक्षी दलों का साफ तौर पर कहना है कि इस पर सरकार को चर्चा करानी चाहिए। हालांकि सरकार ने बैठक में साफ किया है कि यह राज्य का विषय है और वह इसको देख रही है। बावजूद इसके विपक्ष ने जब बार-बार महाकुंभ की अव्यवस्थाओं पर चर्चा की मांग की, तो सरकार ने कहा कि इसका निर्धारण कार्यमंत्रणा समिति करेगी।

बजट सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के अभिभाषण से होगी। इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण दोनों सदनों में आर्थिक सर्वेक्षण 2025 पेश करेंगी। देश की अर्थव्यवस्था की दशा व दिशा बताने वाला यह महत्वपूर्ण प्रपत्र होता है।

सीतारमण आम बजट 2025-26 पेश करेंगी
राष्ट्रपति का अभिभाषण और आर्थिक सर्वेक्षण एक दिन बाद पेश किए जाने वाले आम बजट को लेकर कुछ महत्वपूर्ण संकेतक भी देते हैं। शनिवार (एक फरवरी) को वित्त मंत्री सीतारमण आम बजट 2025-26 पेश करेंगी। आम बजट के बारे में माना जा रहा है कि इसमें देश की अर्थव्यवस्था में सुस्ती को दूर करने के साथ ही घरेलू अर्थव्यवस्था में मांग व रोजगार को बढ़ाने वाले उपायों पर खास जोर होगा।

किरण रिजिजू ने विपक्षी दलों के साथ की बैठक
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगुआई में हुई इस सर्वदलीय बैठक में सरकार ने बताया कि वह बजट सत्र के दौरान वक्फ, इमिग्रेशन सहित कुल 16 विधेयकों को पेश करेगी। बैठक में 36 राजनीतिक दलों के करीब 52 नेताओं ने हिस्सा लिया था। संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने विपक्षी दलों के साथ हुई इस बैठक को रचनात्मक बताते हुए सभी से सदन को शांतिपूर्ण चलाने के लिए सहयोग मांगा।

उन्होंने कहा कि बजट सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति के अभिभाषण से होगी। इस दौरान सबसे अहम कामकाज केंद्रीय बजट को प्रस्तुत करना होगा। सूत्रों की मानें तो विपक्षी दलों ने बैठक में जब महाकुंभ हादसे व उसकी अव्यवस्थाओं पर चर्चा कराने की मांग की तो राजनाथ सिंह ने कहा कि यह राज्य सरकार का विषय है। वह अपने स्तर पर इसे देख रही है। हालांकि इसके बाद भी कांग्रेस व सपा इस पर चर्चा कराने की मांग पर अड़ी रही।

प्रमोद तिवारी ने महाकुंभ के राजनीतिकरण की आलोचना की
बैठक में मौजूद कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने महाकुंभ के राजनीतिकरण की आलोचना की और कहा कि इस आयोजन के दौरान वीआइपी की आवाजाही से आम आदमी की मुश्किलें बढ़ी हैं। वहीं सपा सांसद राम गोपाल यादव ने इस मुद्दे पर सरकार की आलोचना की और कहा कि आम तीर्थयात्रियों को दरकिनार कर वीआइपी को इस भव्य धार्मिक आयोजन में प्रमुखता दी गई, जिससे यह हादसा हुआ है। बैठक में कई विपक्षी नेताओं ने बेरोजगारी और किसानों की स्थिति का भी मुद्दा उठाया और चर्चा की मांग की।

News Desk

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