AI के आगमन से बदला बिजनेस ईकोसिस्टम, नियुक्ति प्रक्रिया में आया बड़ा बदलाव
आर्टफिसियल इंटेलीजेंस (Artificail Intelligence-AI) रोजगार के अवसर बढ़ाएगा या नौकरियां खाएगा? लंबे समय से चल रहे इस चिंतन-विमर्श के बीच कारोबार जगत बदलाव की काफी अंगड़ाई ले चुका है। प्रत्यक्ष तौर पर भले ही अभी इसका ज्यादा असर दिखाई नहीं दे रहा है, लेकिन कंपनियों ने अपने मानव संसाधन से जुड़े कामकाज में एआई का प्रयोग बढ़ा दिया है।
मानव संसाधन के क्षेत्र में काम करने वाली वैश्विक संस्था सोसाइटी फॉर ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट (एसएचआरएम) की ताजा रिपोर्ट कहती है कि उसके सर्वे में शामिल 65 प्रतिशत कंपनियों ने माना है कि वह नए कर्मचारियों की नियुक्ति में अब एआई की मदद ले रही हैं। गत दिवस नई दिल्ली में आयोजित एसएचआरएम के वार्षिक सम्मेलन में आर्टिफिसियल इंटेलीजेंस (एआई) प्लस ह्यूमन इंटेलीजेंस (एचआई) रिपोर्ट जारी की गई।
इस अध्ययन में यही जानने का मुख्यत: प्रयास किया गया है कि कारोबार जगत पर एआई ने कितना प्रभाव डाला है या डाल रहा है। चूंकि इस संस्था से विश्व के हजारों बड़े कारोबारी समूह जुड़े हुए हैं, इसलिए उन कंपनियों से मिले फीडबैक के आधार पर ही संस्था ने यह रिपोर्ट तैयार की है। इसमें बताया गया है कि सर्वे में भागदारी करने वाली कंपनियों में से 65 प्रतिशत ने बताया कि रोजगार को लेकर प्रतिस्पर्धा इतनी अधिक है कि एक नौकरी के लिए ही हजारों आवेदन मिलते हैं।
ऐसी स्थिति में एचआर प्रबंधक के सामने बेहतर व्यक्ति को नियुक्ति देने की चुनौती बढ़ जाती है। इसे देखते हुए ही नियुक्ति प्रक्रिया में अब एआई का प्रयोग किया जा रहा है। इससे क्षमता की पहचान में आसानी और गति मिल रही है। इसी तरह 37 प्रतिशत कंपनियों ने कर्मचारियों के प्रशिक्षण और विकास कार्यक्रमों में एआई की सहायता लेना शुरू कर दिया है।
परफार्मेंस मैनेजमेंट सिस्टम में एआई का प्रयोग करने वाली कंपनियों की संख्या 28 प्रतिशत हो गई है। कंपनियों का आकलन है कि इससे निगरानी, क्षमता परीक्षण और बेहतर काम करने वाले कर्मियों के प्रोत्साहन की व्यवस्था एचआर विभाग के लिए बेहतर हुई है। एआई के माध्यम से उन्हें डाटा सहित फीडबैक मिल रहा है और खामी वाले क्षेत्र चिन्हित कर उन्हें सुधारने में मदद मिल रही है।
इन बदलावों के पीछे के कारणों को लेकर भी कंपनियों ने फीडबैक दिया है। जैसे कि 87 प्रतिशत कंपनियों ने माना है कि कर्मचारियों की अपस्किलिंग और रीस्किलिंग अब बहुत आवश्यक है। 86 प्रतिशत कंपनियों ने कहा है कि कारोबार में एआई की वजह से प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है।
77 प्रतिशत ने महसूस किया है कि उत्पादकता बढ़ाने का उन पर दबाव है, जबकि 73 प्रतिशत को लगता है कि अब एआई के साथ रचनात्मकता बढ़ाने और बदलाव करने का समय है। हालांकि, 55 प्रतिशत कंपनियों ने नियामक व्यवस्थाओं के जटिल हो जाने और 54 प्रतिशत ने एआई के अधिक उपयोग के चलते साइबर हमलों के बढ़ने को लेकर भी आशंका जताई है।
बहरहाल, तमाम शंकाओं का समाधान करते हुए एसएचआरएम ने कार्यबल प्रबंधन में भी एआई का प्रयोग बढ़ाने और स्पष्ट एआई नीतियां बनाने का भी सुझाव कंपनियों को दिया है।