मध्यप्रदेशराज्य

सिंहस्थ के वैश्विक आयोजन के लिए अभी से जुटें : सीएम यादव

भोपाल। सिंहस्थ के वैश्विक आयोजन को सफल बनाने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सभी का आव्हान करते हुए तैयारियों में जुटने के लिए कहा है। उन्होंने कहा, कि सनातन धर्म की सभी सन्यासी परम्पराओं के सभी वैष्णव और शैव संत 12 साल में सिंहस्थ में आते हैं और भविष्य में सनातन धर्म की दिशा, आचरण, स्वरूप तय करते हैं। मानवता की स्थापना के लिए सर्वोच्च सिंहस्थ मेला-2028 में पुन: होने वाला है। सिंहस्थ की तैयारियाँ अभी से प्रारंभ की जा चुकी हैं। 

मध्यप्रदेश की पहचान धार्मिक नगरी उज्जयिनी में होने वाले सिंहस्थ को लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा, कि वैश्विक आयोजन सिंहस्थ के माध्यम से भारत दुनिया का नेतृत्व करेगा। इसकी समुचित तैयारियां की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकाल ज्योर्तिलिंग उज्जैन के महाकाल लोक और दूसरे ज्योर्तिलिंग ओंकारेश्वर में बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की पहचान धार्मिक नगरी उज्जयिनी में प्रत्येक 12 वर्ष में होने वाले सिंहस्थ के रूप में होती है। 

मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि इस दृष्टि से सिंहस्थ प्रदेश के साथ ही राष्ट्र के लिए एक महत्वपूर्ण आयोजन है। पूरे विश्व में इसकी गूंज होती है। उन्होंने कहा कि सिंहस्थ में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को अधिक से अधिक सुविधाएँ देने के लिए नये निर्माण कार्य भी कराए जा रहे हैं। साथ ही वर्तमान सुविधाओं का उन्नयन भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सिंहस्थ की सफलता के लिये अभी से तैयारियाँ शुरू करनी होगी। इन सभी कार्यों को शासकीय विभागों और अन्य उपक्रमों के तालमेल के साथ पूर्ण करने के लिये जुटना होगा। 

 

मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि ऐसी योजना तैयार की जाए कि क्षिप्रा नदी हर हाल में पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त हो और क्षिप्रा नदी में निरंतर शुद्ध जल का अविरल प्रवाह हो। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सिंहस्थ-महाकुंभ में दुनिया भर से करीब 15 करोड़ लोगों के शामिल होने की संभावना है। इस वजह से उज्जैन में ट्रैफिक व्यवस्था बनाये रखना बड़ी चुनौतीपूर्ण होगा।

 

सिंहस्थ-2028 के 19 कार्यों के लिये 5 हजार 882 करोड़ रूपये की मंजूरी दी गई है। यह मंजूरी मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई मंत्री-मंडलीय की पहली बैठक में दी गई। बैठक में जल संसाधन, नगरीय प्रशासन एवं विकास, ऊर्जा, लोक निर्माण, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के कार्यों को मंजूरी दी गई है।

 

मंत्री-मंडलीय समिति ने जिन कार्यों को स्वीकृति दी है, उनमें 778 करोड़ 91 लाख रूपये के 29.21 किलोमीटर घाट निर्माण, 1024 करोड़ 95 लाख रूपये का 30.15 किलोमीटर कान्ह नदी का डायवर्सन, 614 करोड़ 53 लाख रूपये के सिंहस्थ के लिये क्षिप्रा नदी में जल निरंतर प्रवाह योजना (सिलारखेड़ी-सेवरखेड़ी बांध) का निर्माण, 74 करोड़ 67 लाख रूपये के क्षिप्रा नदी पर प्रस्तावित 14 बैराजों का निर्माण, 43 करोड़ 51 लाख रूपये के कान्ह नदी पर प्रस्तावित 11 बैराजों का निर्माण, 198 करोड़ रूपये से उज्जैन शहर की सीवरेज परियोजना, 250 करोड़ रूपये से अति. उच्च दाब से संबंधित कार्य के नवीन ईएचवी उपकेन्द्र का निर्माण, 16 करोड़ 80 लाख रूपये से अति. उच्चदाब केन्द्र क्षमतावृद्धि का निर्माण, 29 करोड़ 83 लाख रूपये का नवीन 33/11 के.व्ही. का निर्माण, 4 करोड़ 50 लाख रूपये से 33 के.व्ही. लाईन एवं इन्टर कनेक्शन एवं नवीन उपकेन्द्र से संबंधित कार्य (10 किलोमीटर), 18 करोड़ 36 लाख रूपये से के.व्ही. लाईन एवं इन्टर कनेक्शन एवं नवीन उपकेन्द्र से संबंधित (80 किलोमीटर) का निर्माण और 10 करोड़ 8 लाख रूपये का भूमिगत केबल कार्य (ओंकारेश्वर बजट) का निर्माण शामिल है।
इसी तरह 18 करोड़ रूपये का शंकराचार्य चौराहा से दत्त अखाड़ा, भूखीमाता, उजड़खेड़ा हनुमान से उज्जैन बड़नगर मार्ग का निर्माण, 18 करोड़ रूपये का खाक-चौक, वीर सावरकर चौराहा, गढ़कालिका, भर्तहरीगुफा से रंजीत हनुमान तक मार्ग एवं क्षिप्रा नदी पर पुल का निर्माण, 40 करोड़ रूपये से सिद्धवरकूट से कैलाश खोह तक सस्पेंशन ब्रिज पहुँच मार्ग प्रोटेक्शन कार्य सहित (ओंकारेश्वर में कावेरी नदी पर पैदल पुल सहित ओंकारेश्वर घाट से सिद्धवरकूट तक पहुँच मार्ग का निर्माण), 1692 करोड़ रूपये से इंदौर उज्जैन विद्यमान 4 लेन मार्ग का 6 लेन मय पेव्हड शोल्डर मे हाईब्रिड एन्यूटी मॉडल अंतर्गत उन्नयन एवं निर्माण, 950 करोड़ रूपये से इंदौर-उज्जैन ग्रीनफील्ड 4 लेन परियोजना का हाइब्रिड एन्युटी मॉडल पर निर्माण कार्य, 75 करोड़ रूपये से महाकाल लोक कॉरीडोर में स्थित फाइबर की प्रतिमाओं के स्थान पर पाषाण प्रतिमाओं का निर्माण, स्थापना एवं आवश्यक विकास कार्य और कुम्भ संग्रहालय, काल गणना शोध केन्द्र उज्जैन का अनुरक्षण एवं विकास कार्य शामिल है।
अपर मुख्य सचिव नगरीय प्रशासन एवं आवास नीरज मंडलोई ने बताया कि अभी तक सिंहस्थ-2028 के लिये 18 विभागों के 568 कार्यों के प्रस्ताव प्राप्त हुए है, जिनकी अनुमानित लागत 15 हजार 567 करोड़ रूपये है। इन कार्यों में विभागीय, सिंहस्थ मद और बीओटी आदि के कार्य शामिल है। मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कार्पोरेशन ने जानकारी दी कि इंदौर में लव-कुश चौराहे से उज्जैन तक नवीन मेट्रो लाईन बिछाये जाने का सर्वेक्षण कार्य दिल्ली रेल मेट्रो कार्पोरेशन को सौंपा गया है।

News Desk

The News Desk at Janmorcha.in is committed to delivering timely, accurate, and in-depth coverage of the latest events from across the globe. Our team of seasoned journalists and editors work tirelessly to ensure that our readers are informed with the most current and reliable news. Whether it's breaking news, politics, sports, or entertainment, the News Desk is dedicated to providing comprehensive analysis and insights that matter to our audience. Trust the News Desk at Janmorcha.in to keep you informed with the news that shapes the world around us.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button