संस्कृति - अयोध्या

घर के मंदिर में भूलकर भी न रखें ऐसी मूर्तियां , वरना हो जाएंगे परेशान, छिन जाएगा सारा सुख-चैन!

सभी कार्यों में सफलता और मोक्ष प्राप्ति के लिए देवी देवताओं और भगवान की पूजा अर्चना, पूजा पाठ, मंत्रों का जाप करना सबसे श्रेष्ठ बताया गया है. हिंदू धार्मिक ग्रंथो के अनुसार भगवान की आराधना पूजा पाठ करने के लिए विशेष स्थान या पौराणिक स्थान पर बने मंदिर में जाकर विधि अनुसार जल अर्पित करना, फल फूल अर्पित करके पवित्र मन और हृदय से भगवान की आराधना करने पर विशेष लाभ मिलता है. घर में सुख शांति बनी रहे और नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव खत्म करने के लिए साधक अपने घरों में मंदिर बनवाकर उसमें अपने ईष्ट देव की मूर्ति या चित्र लगाकर आराधना करते हैं. घर के मंदिर में पूजा पाठ पूजा अर्चना और आराधना करने के बाद भी कुछ लोगों के जीवन में दुख समस्याएं आती रहती हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा इसलिए होता है कि मंदिर में स्थित देवी देवता, भगवान या अपने इष्ट देव की मूर्ति शास्त्रों के अनुसार नहीं है.

घर के मंदिर में कैसी मूर्ति होने पर दोष लगता है, कि घर के मंदिर में पूजा पाठ, पूजा अर्चना, आराधना आदि करने के बाद भी दुख, परेशानी, आर्थिक समस्या या अन्य बाधाएं आ रही हैं, तो मंदिर में लगी मूर्ति शास्त्रों के अनुरूप नहीं है. घर के मंदिर में लगी कैसे मूर्ति होनी चाहिए और कैसे मूर्ति नहीं होनी चाहिए इन सभी बातों को लेकर धार्मिक ग्रंथो में वर्णन किया गया है. यदि आप पूजा पाठ, पूजा अर्चना करने के लिए घर के मंदिर में मूर्ति रखते हैं, तो ध्यान रखें कि मूर्ति या चित्र खंडित न हो और मंदिर की मूर्ति केमिकल युक्त होने पर साधकों को विपरीत फल प्राप्त होता है. पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि घर के मंदिर में मिट्टी या अष्टधातु से बनी हुई मूर्ति रखकर पूजा पाठ, पूजा अर्चना करने पर लाभ होता है. घर के मंदिर में जो मूर्ति रखकर पूजा की जाती है, वह साफ सुथरी होनी चाहिए.

सभी कार्यों में सफलता और मोक्ष प्राप्ति के लिए देवी देवताओं और भगवान की पूजा अर्चना, पूजा पाठ, मंत्रों का जाप करना सबसे श्रेष्ठ बताया गया है. हिंदू धार्मिक ग्रंथो के अनुसार भगवान की आराधना पूजा पाठ करने के लिए विशेष स्थान या पौराणिक स्थान पर बने मंदिर में जाकर विधि अनुसार जल अर्पित करना, फल फूल अर्पित करके पवित्र मन और हृदय से भगवान की आराधना करने पर विशेष लाभ मिलता है. घर में सुख शांति बनी रहे और नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव खत्म करने के लिए साधक अपने घरों में मंदिर बनवाकर उसमें अपने ईष्ट देव की मूर्ति या चित्र लगाकर आराधना करते हैं. घर के मंदिर में पूजा पाठ पूजा अर्चना और आराधना करने के बाद भी कुछ लोगों के जीवन में दुख समस्याएं आती रहती हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा इसलिए होता है कि मंदिर में स्थित देवी देवता, भगवान या अपने इष्ट देव की मूर्ति शास्त्रों के अनुसार नहीं है.

घर के मंदिर में कैसी मूर्ति होने पर दोष लगता है, इसकी जानकारी लोकल 18 पर साझा करते हुए हरिद्वार के विद्वान ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि घर के मंदिर में पूजा पाठ, पूजा अर्चना, आराधना आदि करने के बाद भी दुख, परेशानी, आर्थिक समस्या या अन्य बाधाएं आ रही हैं, तो मंदिर में लगी मूर्ति शास्त्रों के अनुरूप नहीं है. घर के मंदिर में लगी कैसे मूर्ति होनी चाहिए और कैसे मूर्ति नहीं होनी चाहिए इन सभी बातों को लेकर धार्मिक ग्रंथो में वर्णन किया गया है. यदि आप पूजा पाठ, पूजा अर्चना करने के लिए घर के मंदिर में मूर्ति रखते हैं, तो ध्यान रखें कि मूर्ति या चित्र खंडित न हो और मंदिर की मूर्ति केमिकल युक्त होने पर साधकों को विपरीत फल प्राप्त होता है. पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि घर के मंदिर में मिट्टी या अष्टधातु से बनी हुई मूर्ति रखकर पूजा पाठ, पूजा अर्चना करने पर लाभ होता है. घर के मंदिर में जो मूर्ति रखकर पूजा की जाती है, वह साफ सुथरी होनी चाहिए.

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