बिलासपुर/गौरेला पेंड्रा मरवाही.
ट्रैक पर स्लैब रखकर ट्रेन को डीरेल करने की साजिश की गई थी. पेंड्रा रोड आरपीएफ ने इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. इससे पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. बिलासपुर आरपीएफ के उच्च सूत्रों ने बताया है कि इस मामले में एक आरोपी पवन सिंह को गिरफ्तार किया गया है. उक्त आरोपी भनवारटंक से गौरेला जाते हुए ट्रैक में गिरफ्तार किया है.
सूत्रों ने बताया कि उक्त आरोपी से विस्तृत पूछताछ की गई है. सूत्रों का दावा है कि उक्त आरोपी ने ट्रेन को पल्टाने के लिए नहीं, बल्कि महज ट्रेन को रोककर उसमें चढ़ने के ले पटरियों में नाली के स्लैब रखे थे. टनल के अंदर पानी निकले इसलिए दोनो तरफ नालियां बनाई जाती है और उसके ऊपर ही ये स्लैब रखा हुआ था. जिसे आरोपी ने खुद उठाकर तीन जगहों पर रखा, इसमें एक स्लैब से हीराकुंड एक्सप्रेस की इंजन टकराई भी, लेकिन गनिमत ये रही कि इसमें कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ.
गिरफ्तार आरोपी –
पूछताछ में खुलासा हुआ है कि आरोपी भनवारटंक स्थित माता के मंदिर में दर्शन करने के लिए गौरेला से पहुंचा था. लौटते वक्त वह भीग गया और जानकारी के अभाव में उसे पता नहीं चला कि गौरेला कौन से ट्रेन जाएगी. वो पटरियों के रास्ते होते हुए जाने लगा. इसी बीच उसने पटरियों पर ये स्लैब रखा, पूछताछ में उसने बताया कि उसका उद्देश्य केवल ट्रेन को रोक कर उसमें चढ़ना था. लेकिन जब ये हादसा हो गया तो वो डर गया और वो ट्रेन के रूकने के बाद उसमें नहीं चढ़ा और पटरियों के रास्त गौरेला निकल गया. भनवारटंक से गौरेला की दूरी करीब 35-40 किलोमीटर है. हादसे के बाद आरपीएफ पूरी तरह से एक्टिव हुई और उन्होंने विपरित दिशा से आ रहे ट्रैक मैन को ये सूचित कर दिया कि यदि कोई ट्रैक में जाता हुए दिखे तो आरपीएफ को इसकी सूचना दे. चूंकि उक्त व्यक्ति का उद्देश्य किसी प्रकार की चोरी करना नहीं था, इसलिए वो ट्रैक से होते हुए रात में ही जा रहा था और ट्रैकमैन की नजर आरोपी पर पड़ी और उसने उसे अपना साथ बिठाकर आरपीएफ को इसकी सूचना दी. जिसके बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है और विस्तृत पूछताछ के बाद ये खुलासा हुआ कि उसने महज ट्रेन रोकने के उद्देश्य से ऐसा किया. आरोपी के खिलाफ आरपीएफ ने धारा 153, 174 (सी) दर्ज कर उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया है.