देश

अजित डोभाल के दौरे से पहले ही फ्रांस ने दे दी बड़ी खबर, हिंद महासागर में तैनात होंगे 26 राफेल…

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल सोमवार से दो दिन के दौरे पर फ्रांस जा रहे हैं।

फ्रांस में वह शीर्ष अधिकारियों के साथ मुलाकात करेंगे। बताया जा रहा है कि वह मुख्य रूप से राफेल सौदे पर बात करने के लिए फ्रांस पहुंच रहे हैं। कुछ दिन पहले ही फ्रंस की तरफ से राफेल डील को लेकर विस्तृत ऑफर भारत के साथ साझा किया गया था।

इस साल के अंत तक भारत इस बातचीत को नतीजे तक पहुंचाकर कॉन्ट्रैक्ट को फाइनल करने के मूड में है। वहीं डोभाल के दौरे से पहले फ्रांस की कंपनी ने प्राइस घटाकर फाइनल ऑफर दिया है। 

भारतीय नौसेने का लिए यह डील काफी फायदेमंद हो सकती है। रूस में बने मिग-29K विमानों के साथ नौसेना के बेड़े में नए राफेल विमानों को शामिल करने का प्लान है।

रिपोर्ट की मानें तो अगर फ्रांस के साथ राफेल डील फाइनल हो जाती है तो नौसेना के मिग 29K विमानों को दसॉ कंपनी के राफेल विमानों से रीप्लेस कर दिया जाएगा।

इस सौदे में 22 सिंगल सीट वाले राफेल मरीन एयरक्राफ्ट और चार टू सीटर ट्रेनर वर्जन एयरक्राफ्ट शामिल हो सकते है। भारतीय नौसेना को आधुनिक विमानों और पनडुब्बियों की जरूरत है।

नौसेना को और ज्यादा ताकतवर बनाने के लिए इस सौदे को अहम माना जा रहा है। इस सौदे को डिफेंस अक्विजिशन काउंसिल ने पहले ही मंजूरी दे दी है। फ्रांस की मदद से भारत एयरक्राफ्ट इंडस्ट्री को भी मजबूत कर रहा है।

अजित डोभाल के दौरे से पहले फ्रांस ने घटा दिया फाइनल प्राइस

बताया जा रहा था कि विमानों की कीमत ही केवल इस डील में आड़े आ रही थी। हालांकि डोभाल के दौरे से पहले फ्रांस ने इसकी कीमत घटाकर फाइनल प्राइस का ऑफर दिया है।

हालांकि यह पता नहीं चला है कि डील कितने में होने वाली है। सूत्रों का कहना है कि भारत इस डील के लिए 2016 वाला बेस प्राइस ही रखना चाहता है। इससे पहले भारत ने 36 राफेल विमान खरीदे थे। बताया जा रहा है कि यह सौदा 50 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का हो सकता है।

जानकारी के मुताबिक अब तक जो चर्चा हुई है उसके अनुसार फ्रांस विमानों के साथ ही हथियार, सिमुलेटर, क्रू के लिए ट्रेनिंग और लॉजिस्टिक सपोर्ट भी मुहैया करवाएगा।

इसके अलावा भारतीय हथियारों को असेंबल करने में भी फ्र्ंस मदद करेगा। इन विमानों को आईएनएस विक्रांत पर तैनात किया जा सकता है। इसके आलावा आईएनएस डेगा पर भी तैनाती हो सकती है।

क्या है विमानों की खासियत

राफेल मरीन विमानों का इंजन ज्यादा ताकतवर होता है। इसके अलावा इसे कम जगह से टेकऑफ और लैंड करवाया जा सकता है। इसका वजन करीब 10600 किलो है। इसके अलावा राफेल विमान 1912 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है।

इसकी रेंज 3700 किलोमीटर है। यह विमान 50 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ सकता है। एंटीशिप स्ट्राइक के लिए इस विमान को उत्तम श्रेमई का माना जाता है। जानकारी के मुताबिक सौदे के बाद विमानों की पहली खेप मिलने में 2 से तीन साल का वक्त लग सकता है।

The post अजित डोभाल के दौरे से पहले ही फ्रांस ने दे दी बड़ी खबर, हिंद महासागर में तैनात होंगे 26 राफेल… appeared first on .

News Desk

The News Desk at Janmorcha.in is committed to delivering timely, accurate, and in-depth coverage of the latest events from across the globe. Our team of seasoned journalists and editors work tirelessly to ensure that our readers are informed with the most current and reliable news. Whether it's breaking news, politics, sports, or entertainment, the News Desk is dedicated to providing comprehensive analysis and insights that matter to our audience. Trust the News Desk at Janmorcha.in to keep you informed with the news that shapes the world around us.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button