संस्कृति - अयोध्या

कार्तिक पूर्णिमा व्रत, स्नान-दान से पाएं पुण्य, शाम को देव दिवाली, जानें मुहूर्त, भद्रा समय, राहुकाल

कार्तिक पूर्णिमा व्रत शुक्रवार को है. इस दिन देव दिवाली भी मनाते हैं. इस दिन कार्तिक शुक्ल पूर्णिमा तिथि, भरणी नक्षत्र, व्यतीपात योग, विष्टि करण, पश्चिम का दिशाशूल और मेष राशि में चंद्रमा है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा समेत सभी पवित्र नदियों में स्नान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और पाप मिटते हैं. कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहते हैं क्योंकि भगवान शिव ने तारकक्ष, कमलाक्ष और विद्युन्माली असुर भाइयों का वध किया था. इस वजह से सभी देवतों ने काशी में शिव पूजा करके ​दीपावली मनाई थी. कार्तिक पूर्णिमा को सूर्यास्त के बाद देव दिवाली मनाते हैं. जो लोग कार्तिक पूर्णिमा का व्रत रखते हैं, उनको शिव पूजा के समय कार्तिक पूर्णिमा व्रत कथा पढ़नी या सुननी चाहिए. इस दिन घर पर सत्यनारायण भगवान की कथा का आयोजन करते हैं, रात में चंद्रमा और माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं. इससे धन, वैभव, सुख, समृद्धि बढ़ती है. कार्तिक पूर्णिमा को स्वर्ग की भद्रा है.

कार्तिक पूर्णिमा के दिन सिखों के पहले गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन गुरु नानक जयंती मनाई जाती है. गुरु नानक जयंती के अवसर पर गुरुद्वारों में अरदास, भजन, कीर्तन करते हैं, प्रभात फेरी निकाली जाती है. गुरुद्वारों को दीपों से जगमग करते हैं. इस दिन लंगर भी चखते हैं. गुरु नानक देव जी ने सिख धर्म की स्थापना की थी, उन्होंने गरीबों की सेवा और सामाजिक समरसता को प्रमुखता से बढ़ावा दिया.

कार्तिक पूर्णिमा का दिन शुक्रवार को है, जिस दिन व्रत रखकर माता लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है. माता लक्ष्मी को कमलगट्टा, कमल, लाल गुलाब, खीर, दूध से बनी सफेद मिठाई, पीली कौड़ियां आदि अर्पित करते हैं. पूजा के समय आपको श्री सूक्त या कनक धारा स्तोत्र का पाठ करना चाहिए. लक्ष्मी कृपा से आपके धन और वैभव में वृद्धि होगी. शुक्रवार को सफेद वस्त्र, चावल, चांदी, इत्र, खीर आदि का दान करने से शुक्र ग्रह मजबूत होता है. पंचांग से जानते हैं कार्तिक पूर्णिमा के शुभ मुहूर्त, देव दीपावली समय, सूर्योदय, चंद्रोदय, भद्रा, राहुकाल, दिशाशूल आदि.

आज का पंचांग, 15 नवंबर 2024
आज की तिथि- पूर्णिमा – 02:58 ए एम, नवम्बर 16 तक, उसके बाद मार्गशीर्ष कृष्ण प्रतिपदा
आज का नक्षत्र- भरणी – 09:55 पी एम तक, फिर कृत्तिका
आज का करण- विष्टि – 04:37 पी एम तक, बव – 02:58 ए एम, नवम्बर 16 तक, फिर बालव
आज का योग- व्यतीपात – 07:30 ए एम तक, वरीयान् – 03:33 ए एम, नवम्बर 16 तक, उसके बाद परिघ
आज का पक्ष- शुक्ल
आज का दिन- शुक्रवार
चंद्र राशि- मेष – 03:17 ए एम, नवम्बर 16 तक, फिर वृषभ

सूर्योदय-सूर्यास्त और चंद्रोदय-चंद्रास्त का समय
सूर्योदय- 06:44 ए एम
सूर्यास्त- 05:27 पी एम
चन्द्रोदय- 04:51 पी एम
चन्द्रास्त- चन्द्रास्त नहीं

कार्तिक पूर्णिमा 2024 के शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त: 04:58 ए एम से 05:51 ए एम
अभिजीत मुहूर्त: 11:44 ए एम से 12:27 पी एम
विजय मुहूर्त: 01:53 पी एम से 02:36 पी एम
गोधूलि मुहूर्त: 05:27 पी एम से 05:54 पी एम
अमृत काल: 05:38 पी एम से 07:04 पी एम
कार्तिक पूर्णिमा स्नान दान समय: 04:58 ए एम से
देव दीपावली शुभ मुहूर्त: शाम 5:10 बजे से 7:47 बजे तक

अशुभ समय
राहुकाल- 10:45 ए एम से 12:06 पी एम
गुलिक काल- 08:04 ए एम से 09:25 ए एम
यमगण्ड- 02:46 पी एम से 04:07 पी एम
दुर्मुहूर्त- 08:53 ए एम से 09:35 ए एम, 12:27 पी एम से 01:10 पी एम
भद्रा: 06:44 ए एम से 04:37 पी एम
भद्रा वास स्थान: स्वर्ग में
दिशाशूल- पश्चिम

News Desk

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