कृषि उड़ान योजना: किसानों के लिए अच्छी खबर, अब हवाई मार्ग से ट्रांसपोर्ट कर सकेंगे फूल-फल, सब्जी जल्द शुरू होगी कार्गो सेवा
भोपाल। किसानों की आमदनी बढ़ाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए छोटे जिलों से ऐसी कार्गो सेवा आरंभ करने की तैयारी चल रही है कि फूल-फल, सब्जी या उद्यानिकी जैसी फसलें कम समय में बड़े शहरों तक पहुंचाई जा सके। इसका लाभ उन किसानों को होगा, जो अधिक उत्पादन के दौरान उपज का सही दाम नहीं पा पाते हैं या उपज खराब हो जाती है। पहले सरकार ने इसके प्रसंस्करण के प्रयास किए, लेकिन वे सौ प्रतिशत सफल नहीं हो पाए। अब इनका सुगम व सुरक्षित परिवहन हो सके इसके लिए मध्य प्रदेश में जल्द ही कृषक उड़ान योजना के तहत हवाई सेवा शुरू की जाएगी।
अन्य राज्यों के बाद अब मध्य प्रदेश की बारी
भारत सरकार ने किसानों के लिए समर्पित इस योजना को देश के कुछ राज्यों में शुरू कर दिया है। इसके बाद अब मध्य प्रदेश सरकार भी इसके क्रियान्वयन का प्रयास कर रही है।
जिन जिलों में कृषि उत्पाद अधिक होते हैं, उन्हें देश के अन्य शहरों में ट्रांसपोर्ट करने के लिए कार्गो हवाई सेवा शुरू की जाएगी। मुख्य उद्देश्य पहाड़ी क्षेत्रों, आदिवासी क्षेत्रों से जल्दी खराब होने वाले खाद्य उत्पादों के परिवहन करना है।
मप्र देश का सबसे बड़ा अनाज उत्पादक
मप्र देश का सबसे बड़ा अनाज उत्पादक राज्य है, लेकिन अपने उत्पादों को शीघ्र एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए विमान जैसी परिवहन सेवा नहीं है। इसे देखते हुए राज्य सरकार कृषक उड़ान योजना मप्र में शुरू करने पर विचार कर रही है। केंद्र सरकार द्वारा किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए 27 अक्टूबर 2021 को प्रधानमंत्री कृषि उड़ान योजना 2.0 की शुरुआत की थी। केंद्र सरकार द्वारा कृषि उड़ान योजना पहले भी शुरू की गई है। इसी योजना में नए बदलाव किए गए हैं। यहां के किसानों को अपनी फसल को जल्द से जल्द उचित स्थान पर अर्थात मंडी में भेजना होता है, परंतु परिवहन की उचित व्यवस्था नहीं होने पर फसल खराब होने का डर बना रहता है। बता दें, भारत सरकार लगातार योजना का विस्तार कर रही है। इसके तहत किसान अपनी उपज को विदेश में भी भेज पाएंगे। योजना में कृषि मंत्रालय के साथ ही नागरिक उड्डयन मंत्रालय की भी अहम भूमिका है।
लोकसभा चुनाव से पहले फरवरी 2023 में तत्कालीन नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इंदौर में कहा था कि कृषि उड़ान योजना बहुत सफल रही है और केंद्र सरकार इसके तहत 21 अतिरिक्त हवाई अड्डों को शामिल करने की योजना बना रही है।