मध्यप्रदेशराज्य

अफसरों-कारोबारियों की सांठ-गांठ की खुलेंगी परतें

भोपाल। मप्र में रियल एस्टेट और कंस्ट्रक्शन से जुड़ी तीन कंपनियों पर आयकर की छापेमारी में अफसरों और कारोबारियों के काले कारोबार की परतें खुलने वाली हैं। दरअसल, त्रिशूल कंस्ट्रक्शन के कॉल डिटेल्स (सीडीआर) आयकर विभाग को मिल चुकी है। आयकर विभाग इसकी पड़ताल में जुट गया है। दावा किया जा रहा है कि इसकी पड़ताल से चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं। गौरतलब है कि रियल एस्टेट और कंस्ट्रक्शन से जुड़ी कंपनियों पर आयकर की छापेमारी में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। आयकर विभाग ने दस्तावेजों में एंट्री की है कि चंदनपुरा में 54 एकड़ जमीन खरीदने के लिए रायपुर के खनन कारोबारी महेंद्र गोयनका ने बिल्डर राजेश शर्मा को 45 करोड़ रुपए कैश दिया था। यह जमीन तीन अलग-अलग कंपनियों के जरिए खरीदी गई। राजेश शर्मा के घर से मिले दस्तावेजों में यूरो पायलेट प्रा.लि. नामक कंपनी सामने आई, जो गोयनका की बताई जा रही है। जमीन का सौदा 65 करोड़ रु. में हुआ था। बाद में कीमत 110 करोड़ हो गई। भुगतान तीन किश्तों में 25 करोड़, 55 करोड़ और 30 करोड़ रुपए के रूप में हुआ।

लगातार बातचीत करने वालों की सूची बन रही
जानकारी के अनुसार त्रिशूल कंस्ट्रक्शन के कॉल डिटेल्स (सीडीआर) आयकर विभाग को मिल चुकी है। इससे पहले महेंद्र गोयनका की डायरी से भी कई क्लू मिले हैं। सूत्रों की मानी जाए तो राजेश शर्मा के यहां से मिले मोबाइल फोन की सीडीआर का दस महीने ने निकाल लिया है। जिसमें उसने कई अफसरों से सीधे बातचीत की। इनमें लगातार टू वे कम्युनिकेशन करने वाले की सूची बन रही है। उनकी सीडीआर की जांच में मनी लांड्रिंग के बड़े खुलासे हो सकते हैं। आयकर के निशाने पर आए राजेश शर्मा की कई अफसरों से एक दिन में कई बार बात हुई। जबकि कुछ अफसरों से उसकी लगातार बातें होती रही हैं। आयकर विभाग को शक है कि इन अफसरों से इतनी बातचीत इंवेस्टमेंट को लेकर हो सकती है। यह भी सामने आया है कि कुछ अफसरों तक उसकी पहुंच अपने दलाल के जरिए थी। वल्लभ भवन, पुलिस मुख्यालय और वन विभाग में उसके दलाल मौजूद थे, जो अफसरों से जान पहचान और इंवेस्टमेंट करवाने के लिए राजेश शर्मा के संपर्क में लाए जाते थे। क्वालिटी बिल्डर्स के मुन्ना-विनोद अग्रवाल, ईशान बिल्डर्स के तेजेंदर और बलविंदर पाल पर आयकर विभाग के बाद अब मध्य प्रदेश कॉडर के कुछ आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अफसरों की मुश्किलें बढ़ सकती है। राजेश शर्मा ने दलालों के जरिए अपना जाल वल्लभ भवन, पुलिस मुख्यालय और वन विभाग में फैला लिया था। आयकर विभाग को जांच के दौरान इस संबंध में अहम जानकारी लग गई है। इस जानकारी की और पुख्ता करने के बाद इस विभाग की जद में प्रदेश के कई ब्यूरोक्रेटस और नेता आ सकते हैं।

 अब होंगे चौंकाने वाले खुलासे
राजेश शर्मा सहित क्वालिटी बिल्डर्स के मुन्ना विनोद अग्रवाल, ईशान बिल्डर्स के तेजेंदर और बलविंदर पाल के 52 ठिकानों पर आयकर विभाग के छापों में मिली संपत्ति और दस्तावेजों के प्रारंभिक आंकलन में ही बड़ी मात्रा में बेनामी संपत्ति, शैल कंपनीज और बोगस खातों से फंड रोटेशन की आशंका को बल मिला है। आयकर की जांच इस दिशा में आगे बढ़ रही है कि किन लोगों की काली कमाई को सफेद करने के लिए किन किन कानूनों का उल्लंघन हुआ है। उन पर आयकर विभाग जिम्मेदारी फिक्स करेगा। आयकर विभाग ने राजेश से ने आठ करोड़ से ज्यादा की नकदी और करोड़ो रुपए की ज्वेलरी के जमीन के कागजात जप्त किये थे। आयकर विभाग ने इन सभी के यहां के मिले मोबाइल और अन्य दस्तावेजों और अलग- अलग बैंक खातों, लॉकर्स के आधार पर अपनी जांच को आगे बढ़ाया। दस्तावेजों में कई अफसरों के नाम और जिक्र मिला है। इनकी सीडीआर मिलने और उनकी जांच के बाद बड़े खुलासे होने की संभावना है।

दस्तावेजों में अफसरों के भी नाम
जानकारी के अनुसार दस्तावेजों में अफसरों के भी नाम आने लगे हैं। पहला नाम आईएफएस निवेदिता का है, जिन्होंने मंदिर में चांदी का मुकुट चढ़ाने के लिए राजेश को नकद पैसा दिया। यह कितना था, इसका जिक्र नहीं है। निवेदिता कौन है, इसकी जानकारी के बाद आयकर उन्हें पूछताछ के लिए बुला सकता है। आयकर छापों में दस्तावेजों में दलालों का भी जिक्र आया है। इसमें बताया गया कि भोपाल कलेक्ट्रेट व तहसील दफ्तर के लिए दलाली अरविंद दुबे करता था। पीएचक्यू में सब इंस्पेक्टर सोलंकी और वल्लभभवन में फॉरेस्ट के काम अजीत शर्मा देखता था। जानकारी के अनुसार 982602**01, 930102**01 और 748945**82 भी आयकर विभाग को मिले हैं, अब इनकी पड़ताल की जाएगी। गिट्टी का कारोबार करने वाली ट्राइडेंट इंटरप्राइजेज कंपनी के कागज मिले हैं, जिसे राजेश शर्मा की पत्नी चलाती है। त्रिशुल कंस्ट्रक्शन में भी पत्नी पार्टनर है। अवधेश सिंह, नान सिंह और धर्मेंद्र के आधार कार्ड मिले हैं। विभाग को शक है कि इनके नाम से भी रजिस्ट्री हुई। सेंट्रल पॉर्क की प्रॉपर्टी में राजेश ने बलविंदर उर्फ सोनू और बॉबी के साथ पार्टनरशिप की। वर्ष 2020-21 में निवेश किया। सेंट्रल पार्क के आठ प्लॉट जिन्हें 40 लाख रुपए में खरीदना बताया गया, उसके कागज बिल्डर राजेश के पास मिले हैं। सेंट्रल पार्क की 31 एकड़ जमीन के कई दस्तावेज मिले हैं, जिनमें नगद लेन-देन हुआ है। महेंद्र गोयनका के साथ सेंट्रल पार्क मामले में लिखित एग्रीमेंट नहीं मिला, लेकिन ऐसा बताया गया कि 15 प्रतिशत की प्रॉफिट शेयर वाली बात मौखिक हुई।

News Desk

The News Desk at Janmorcha.in is committed to delivering timely, accurate, and in-depth coverage of the latest events from across the globe. Our team of seasoned journalists and editors work tirelessly to ensure that our readers are informed with the most current and reliable news. Whether it's breaking news, politics, sports, or entertainment, the News Desk is dedicated to providing comprehensive analysis and insights that matter to our audience. Trust the News Desk at Janmorcha.in to keep you informed with the news that shapes the world around us.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button