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इजरायल की इस हरकत से खफा हुए कई देश, दोस्त अमेरिका का भी भड़का गुस्सा…

हिजबुल्लाह के खिलाफ लेबनान में इजरायल का सैन्य अभियान जारी है। इ

स बीच इजरायल ने कुछ ऐसा किया है, जिससे अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में नाराजगी है। इजरायल के हालिया हमले के दौरान संयुक्त राष्ट्र संघ के दो कार्यकर्ता घायल हो गए हैं।

यह दोनों कार्यकर्ता इंडोनेशिया के थे। इसको लेकर जकार्ता ने कड़ी आपत्ति जताई है। वहीं, इटली समेत कुछ अन्य देशों ने इस घटना को लेकर इजरायल से स्पष्टीकरण मांगा है।

इनका कहना है कि यह गलती से नहीं हुआ है। इटली के रक्षा मंत्री गुइडो क्रोसेटो ने कहाकि यह इजरायल का ऐसा करना वॉर क्राइम है।

वहीं, स्पेन के विदेश मंत्री ने कहाकि यूएन के मुख्यालय पर इजरायली फायरिंग की वह निंदा करते हैं। आयरिश प्रधानमंत्री ने भी इस पर नाराजगी जताई है और कहाकि यूएन के सदस्यों पर किसी भी तरह की गोलीबारी स्वीकार्य नहीं है और यह रुकनी चाहिए।

इस बीच अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने कहा है कि लेबनान और गाजा में जो हो रहा है, वह अब रुकना चाहिए। वहां पर सीजफायर की जरूरत है।

कमला हैरिस ने लास वेगास में रिपोर्टर्स से कहाकि हम इस पर लगातार काम कर रहे हैं। इस पर अब लगाम लगाने का वक्त आ गया है। यह युद्ध अब रुकने चाहिए। इस इलाके में जो भी हो रहा है अब उस पर विराम लगाना होगा। उन्होंने कहाकि हम इस दिशा में काम कर रहे हैं।

लेबनान में यूएन पीसकीपिंग मिशन, जो यूनिफिल के नाम से जाना जाता है, ने एक बयान जारी किया है। इस बयान में यूएन ने कहा है कि लेबनान में उसके ठिकानों और मुख्यालय को इजरायली सेना द्वारा कई बार निशाना बनाया गया।

उसने कहा है कि एक इजरायली टैंक ने लेबनान के नकोरा में स्थित हमारे ऑब्जर्वेशन टॉवर को सीधे निशाना बनाया है। इसके अलावा इजरायली सैनिकों ने उस बंकर के नजदीक भी हमला बोला जहां पर शांतिरक्षक छिपे हुए थे।

इस दौरान वाहनों और कम्यूनिकेशन सिस्टम को तबाह कर दिया गया। यह भी कहा गया है कि इजरायली ड्रोन बंकर के एंट्रेंस पर उड़ान भरते देखे गए।

इटली के विदेश मंत्री एंटोनियो तेजानी ने कहाकि इस हमले में यूनिफिल के दो इंडोनेशियाई कार्यकर्ता घायल हुए हैं।

उधर इजरायली सेना ने दक्षिणी लेबनान स्थित यूएन के बेस पर गोलीबारी की बात स्वीकार की है। सेना तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि उसने शांतिरक्षकों को सुरक्षित जगहों पर रहने का आदेश दिया था।

बाद में यूएन पीसकीपिंग चीफ ने कहाकि दक्षिणी लेबनान के मोर्चों पर रुके 300 शांतिरक्षक अस्थायी तौर पर बड़े ठिकानों की तरफ चले गए हैं। वहीं, इलाके में सुरक्षा हालात को देखते हुए अन्य 200 शांतिरक्षकों को भी हटाने की योजना है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक इमरजेंसी मीटिंग के दौरान जीन-पियरे ने बताया कि शांतिरक्षक अपनी जगह पर तैनात हैं। लेकिन जमीनी और हवाई हमलों के चलते वह पैट्रोलिंग नहीं कर पा रहे हैं। इजरायल में तैनात यूनिफिल के शांतिरक्षकों में 10 हजार से अधिक लोग हैं।

यह सभी दर्जन भर अलग-अलग देशों के रहने वाले हैं। 1978 में इजरायल के हमले के बाद दक्षिणी लेबनान से इजरायली सेनाओं की निकासी पर निगरानी के लिए यूनिफिल अस्तिस्व में आया था।

बाद में 2006 में इजरायल और हिजबुल्लाह के युद्ध के बाद संयुक्त राष्ट्र संघ ने इस मिशन को और आगे बढ़ा दिया था। इसमें शांतिरक्षकों को सीमा पर बने बफर जोन में पैट्रोलिंग की अनुमति मिली थी।

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