मध्यप्रदेशराज्य

करोड़ों की राशि वसूलने में कोताही बरत रहे खनिज विभाग के अफसर

हाईकोर्ट से मामले का छह माह पूर्व हुआ पटाक्षेप, लेकिन अफसर मूकदर्शक की भूमिका में, ईओडब्ल्यू एवं कलेक्टर का आदेश भी ठंडे बस्ते में

भोपाल । प्रदेश सरकार की पारदर्शिता पूर्ण कार्य प्रणाली एवं अवैध खनन को रोकने की मंशा को खनिज विभाग के अफसर ही पलीता लगा रहे हैं। प्रदेश में कई जगह अवैध उत्खनन बदस्तूर जारी है, इसके बावजूद खनन माफिया पर खनिज विभाग के अफसर मेहरबान नजर आ रहे हैं। कटनी जिला में खनिज विभाग में पदस्थ जिम्मेदार अफसर तकरीबन ड़ेढ दशक बीत जाने के बाद भी खनन ठेकेदार से रायल्टी क्लियरेंस की राशि 7 करोड़ 31 लाख 56 हजार रूपए नहीं वसूल सके है।
उक्त मामलें में कलेक्टर कटनी ने 2009 में उक्त राशि वसूल किए जाने के निर्देश अधिकारियों को दिए थे। लेकिन विभाग के अफसर अब तक राशि वसूलने में नाकामयाब रहे। हालांकि मामला स्पेशल कोर्ट से लेकर हाईकोर्ट तक पहुंचा। खनन ठेकेदार की रिवीजन पिटीशन भी खारिज हुए तकरीबन 6 माह का समय बीत चुका है। सूत्रों के अनुसार  विभाग के अफसरों ने अब तक कोई कार्यवाही नहीं की।

यह है मामला
कटनी के खनन ठेकेदार मेसर्स केशव प्रसाद अवस्थी के खिलाफ गोपनीय शिकायत मिलने के बाद ईओडब्ल्यू की जबलपुर ईकाई के पत्र के आधार पर कलेक्टर खनिज शाखा ने स्वीकृत गिट्टी खदानों एवं खुदरा बाजार में विक्रय किये गये खनिज से जमा रायल्टी के क्लियरेंस सर्टीफिकेट की जांच की। जांच के बाद कलेक्टर कटनी ने जो आदेश जारी किया उसमें उल्लेखित किया गया है कि ठेकेदार मेसर्स केपी अवस्थी द्वारा रेल्वे विभाग को प्रस्तुत रायल्टी क्लियरेंस सर्टीफिकेट का परीक्षण, अभिलेखों के परीक्षण किये जाने के बाद पाया गया कि प्रस्तुत 02 रायल्टी क्लियरेंस सर्टीफिकेट पत्र क्रमांक 119 दिनांक 07.01.2003/07.01.2004 तथा पत्र क्रमांक 2587 दिनांक 15.07.2008 सही पाये गये है। शेष 07 रायल्टी क्लियरेंस सर्टीफिकेट कार्यालय द्वारा जारी नहीं पाये गये है। हालांकि जिला कार्यालय के पत्र के जबाव में ठेकेदार ने उक्त रायल्टी क्लियरेंस फर्जी नहीं है ऐसा बताया था। कलेक्टर के आदेश में यह भी उल्लेखित किया गया कि अनावेदक मेसर्स केपी अवस्थी द्वारा रेल्वे विभाग को सप्लाई किये गये खनिज की मात्रा के संबंध में समाधान कारक स्पष्टीकरण प्रस्तुत नहीं किया गया कि रेल्वे में सप्लाई किया गया खनिज किन स्रोतों से प्राप्त  किया गया है। एवम वह  खनिज रायल्टी भुगता शुदा है तथा उसके द्वारा फर्जी रायल्टी क्लियरेंस सर्टीफिकेट के आधार पर रायल्टी क्यों प्राप्त किया गया। उपरोक्त परिस्थितियों के आधार पर यह स्पष्ट है कि अनावेदक का कृत्य मप्र गौण खनिज नियमावली 1996 के नियम 53‘1’ एवम ‘5’ का स्पष्ट उल्लंधन है।

रेल्वे को प्रदाय की गई रायल्टी में हुआ घालमेल
कलेक्टर द्वारा जारी आदेश में मेसर्स केपी अवस्थी द्वारा कुल खनिज 2,99,302.014 घनमीटर में से 23,528.891 घन मीटर की रायल्टी जो जमा है को कम करते हुए शेष प्रदाय किया गया खनिज 2,74,773.123 घन मीटर के स्वामित्व की दस गुना राशि खनिज मद में जमा करने का आदेश जारी किया गया। इसके अलावा कुल कुल रशि सात करोड़ इक्तीस लाख छप्पन हजार एक सौ साठ रूपये की वसूल करने के आदेश दिए।

5.21 करोड़ की वसूली में हो रही हिलाहवाली
खनिज विभाग के जिम्मेदार अफसरों एवं ठेकेदार के गठजोड़ के चलते अफसर रायल्टी क्लियरेंस की राशि जमा करवाने में हिला-हवाली कर रहे है। जब कि पूर्व में उक्त मामलें में ठेकेदार ने कटनी स्पेशल कोर्ट की षरण ली थी। स्पेशल कोर्ट ने धारा 309 की एप्लीकेशन खारिज कर दी थी। उक्त अपील के बाद ठेकेदार हाईकोर्ट में गया चूंकि ठेकेदार द्वारा जो रिविजन पीटिशन लगाई थी। उसे भी मई 2024 में हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। तकरीबन 6 माह बीत जाने के बाद भी अफसर मूक दर्शक की भूमिका में नजर आ रहे है।  

अधिकारियों ने नहीं उठाया मोबाइल
कलेक्टर एवं प्रभारी खनिज अधिकारी एसडीएम से उक्त प्रकरण में क्या प्रगति हुई। उसे जानने के लिए मोबाइल लगाया, लेकिन तीनों अधिकारियों ने मोबाइल ही नहीं उठाया।

इनका कहना है
वसूली की कार्यवाही जिला कार्यालय से होती है। मेरी जानकारी में उक्त प्रकरण नहीं है। आपने बताया है तो में दिखवा लेता हूं।
जेके सोलंकी, डिप्टी डायरेक्टर, संचालनालय भौमिकी तथा खनिकर्म, भोपाल

News Desk

The News Desk at Janmorcha.in is committed to delivering timely, accurate, and in-depth coverage of the latest events from across the globe. Our team of seasoned journalists and editors work tirelessly to ensure that our readers are informed with the most current and reliable news. Whether it's breaking news, politics, sports, or entertainment, the News Desk is dedicated to providing comprehensive analysis and insights that matter to our audience. Trust the News Desk at Janmorcha.in to keep you informed with the news that shapes the world around us.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button