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MP NEWS: ग्रामीण पर्यटन आत्मनिर्भरता का माध्यम, होम-स्टे से विश्व पटल पर पहुंचेगी भारतीय संस्कृति: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव…

भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि ग्रामीण पर्यटन आत्मनिर्भरता और आत्म गौरव का प्रभावी माध्यम है। ग्राम स्तर पर पर्यटन गतिविधियों से जहां युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार और आर्थिक उन्नति के अवसर उपलब्ध होते हैं, वहीं पर्यटन गतिविधियां, हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, तीज-त्योहार-पर्व और खानपान को राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में भी सहायक होती हैं। प्रदेश में विकसित हो रहे होम-स्टे भारतीय सांस्कृतिक परंपरा के “अतिथि देवो भव:” के भाव को चरितार्थ करने का माध्यम बन रहे हैं।

होम-स्टे संचालनकर्ता और राज्य सरकार का यह प्रयास है कि प्रदेश में आने वाले सभी अतिथि प्रदेश के बारे में सकारात्मक छवि और अच्छी स्मृतियां साथ लेकर जाएं। पर्यटन के साथ पंचायत एवं ग्रामीण विकास, जनजातीय कार्य विभाग आदि समन्वित रूप से इस दिशा में कार्य कर रहे हैं। भारतीय संस्कृति में तीर्थाटन की परंपरा सदियों से रही है।

दुनिया के लोग शौक और आनंद के लिए घर से निकलते हैं, वहां भारत के लोग चारधाम की मोक्ष यात्रा पर निकलते हैं, जहां वे सनातन सांस्कृतिक मूल्यों को आत्मसात करते हुए अन्य प्रदेशों की विविध जीवनशैली और परंपराओं से परिचित होते हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी भारतीय मूल्यों के अनुरूप परस्पर विश्वास की भावना को बढ़ा रहे हैं। वैश्विक स्तर पर उथल-पुथल के बावजूद भी देश प्रगति पथ पर अग्रसर है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ग्रामीण रंग पर्यटन संग राज्य स्तरीय उत्सव को संबोधित करते हुए यह विचार व्यक्त किए। उन्होंने कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

रेस्पॉन्सिबल टूरिज्म मिशन के लिए वेबसाइट लॉन्च, प्रदशर्नी का अवलोकन

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ग्रामीण पर्यटन पर केंद्रित गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से ग्रामीण रंग पर्यटन संग उत्सव के अंतर्गत विभिन्न जिलों के प्रतिभागियों और संस्थाओं द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया। साथ ही चाक पर मिट्टी की कलाकृतियां भी बनाई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड के रेस्पॉन्सिबल टूरिज्म मिशन के लिए डेडिकेटेड माइक्रो वेबसाइट लॉन्च की और प्रदेश के विभिन्न गांवों में निर्मित 241 होम-स्टे का वर्चुअल लोकार्पण किया।

पर्यटन को बढ़ावा देने हुए एमओयू

कार्यक्रम में ग्रामीण पर्यटन के विकास के लिए सिग्निफाइंग और टूरिज्म बोर्ड के बीच 61 गांवों में एलईडी एवं सोलर लाइट्स लगाने के लिए एमओयू का आदान प्रदान किया गया। साथ ही स्कोप ग्लोबल स्किल यूनिवर्सिटी और टूरिज्म बोर्ड के बीच फिल्म निर्माण एवं डिजिटल प्रमोशन के लिए एमओयू और एमपी टूरिज्म बोर्ड एवं एमपीएसईडीसी के बीच एमओयू का आदान-प्रदान किया गया।

टूरिज्म को भी मिलेगा वेलनेस समिट का लाभ

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में जल्द ही उत्तराखंड की तर्ज पर स्टेट टूरिज्म बोर्ड के माध्यम से पर्यटकों के लिए हेलीकॉप्टर सर्विस शुरू की जाएगी। प्रदेश सरकार ने पर्यटकों के लिए वेलनेस सुविधाएं बढ़ाने के लिए समिट की है। वे यहां आएंगे तो उन्हें वन्य जीव पर्यटन, धार्मिक पर्यटन के साथ स्वास्थ्य सुविधाएं भी मिलेंगी। इससे प्रदेश का मेडिकल टूरिज्म बढ़ेगा और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को लाभ होगा। प्रदेश टूरिज्म बोर्ड अपने दम पर विकास के पथ पर अग्रसर है। टूरिज्म बोर्ड के प्रचार-प्रसार के लिए तैयार की गई फिल्में अद्भुत थीं। नए सिरे से इनके उपयोग के लिए कार्ययोजना तैयार की जाए। मध्यप्रदेश पर्यटन क्षेत्र में भारत ही नहीं दुनिया में शीर्ष स्थान प्राप्त करेगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने होम-स्टे संचालकों से किया संवाद

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने होम-स्टे निर्माण में शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने वाले नर्मदापुरम, आगर, छतरपुर, निवाड़ी, मुरैना, सीहोर, सीधी और पन्ना सहित 10 जिला कलेक्टरों को सम्मानित किया। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के 37 जिलों में होम-स्टे निर्मित किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जिलों में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ाने में सहयोग प्रदान करने के लिए 16 ग्राम पंचायतों के सरपंच और डीएटीसीसी सहित संबंधित संस्थाओं के प्रतिनिधियों को प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने छिंदवाड़ा समेत अन्य जिलों के होम-स्टे संचालकों से संवाद भी किया।

पर्यटकों की संख्या में हुई 526 प्रतिशत की वृद्धि

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में 2020 की तुलना में 2024 में 526 प्रतिशत अधिक पर्यटक आए। ओरछा, खजुराहो के अलावा प्रदेश में कान्हा, पेंच और बांधवगढ़ आने वालों की संख्या बढ़ी है। देश के 5 सर्वश्रेष्ठ राष्ट्रीय उद्यानों में यह तीनों स्थान शामिल हैं। देश के राष्ट्रीय उद्यानों में कान्हा को शीर्ष स्थान मिला है। दुनिया में सबसे ज्यादा टाइगर (बाघ) भारत और भारत में सबसे ज्यादा टाइगर मध्यप्रदेश में हैं। यह प्रदेशवासियों के लिए गर्व का विषय है।

प्रदेश में गिद्ध, मगरमच्छ, घड़ियाल सहित कई वन्यप्राणी भी मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा प्रमुख टूरिस्ट डेस्टिनेशन पर लगभग 241 होम-स्टे शुरू करना एक अभिनव प्रयास है। बांधवगढ़, कान्हा और पेंच राष्ट्रीय उद्यानों सहित अन्य जिलों के पर्यटन स्थलों पर होम-स्टे शुरू हो गए हैं। जहां पर्यटकों को ग्रामीण परिवेश, पारंपरिक भोजन, स्थानीय संस्कृति और गीत-संगीत का आनंद मिल रहा है।

प्रदेश में एक हजार होम-स्टे बनाने का लक्ष्य

पर्यटन एवं संस्कृति राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री धर्मेंद्र भावसिंह लोधी ने बताया कि पिछले साल 13 करोड़ 41 लाख से ज्यादा पर्यटकों का आगमन प्रदेश की धरती पर हुआ है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में पर्यटन विभाग नवाचारों के साथ पर्यटन को प्रोत्साहन दे रहा है। प्रदेश के 121 गांवों को चयनित कर 241 होम-स्टे तैयार करने का कार्य किया है।

सरकार ने 1000 होम-स्टे बनाने का लक्ष्य तय किया है। भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ पर्यटन ग्रामों को चिन्हित किया गया। गर्व का विषय है कि इन ग्रामों में पन्ना जिले के ग्राम मडला, निवाड़ी के लाड़पुरा खास और सीधी जिले के ग्राम खास को भी सम्मानित किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में हमारा लक्ष्य है कि विलेज टूरिज्म को बढ़ाते हुए हर ग्रामीण आत्मनिर्भर बने और मध्यप्रदेश पर्यटन में देश में नंबर-1 बने, इस दिशा में कार्य जारी है।

खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री विश्वास कैलाश सारंग ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में प्रदेश के हर क्षेत्र में विकास हो रहा है। हर सेक्टर की विशेषताओं (यूएसपी) को देखते हुए नागरिकों को प्रशिक्षित कर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। मध्यप्रदेश पर्यटन के क्षेत्र में अग्रणी रहा है। टूरिज्म को गति प्रदान करने में होम-स्टे एक अभिनव प्रयास है।

दिव्यांग भाई-बहनों के लिए टूरिज्म डेस्टिनेशन पर सुविधाओं का किया जा रहा है विकास

प्रमुख सचिव पर्यटन श्री शिव शेखर शुक्ला ने रेस्पॉन्सिबल टूरिज्म मिशन की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश पर्यटन निगम, मिशन मोड में ग्रामीण परिवेश में होम-स्टे बनाने, ग्रामीणों को आतिथ्य का प्रशिक्षण देने और सुविधाएं विकसित करने जैसे कार्य कर रहा है। दस हजार महिलाओं को हॉस्पिटेलिटी की ट्रेनिंग दी गई है।

साथ ही स्व-सहायता समूह की महिलाएं और कारीगर कलाकृतियां तैयार कर रहे हैं, जिन्हें पर्यटक खरीदकर साथ लेकर जाते हैं और इन कृतियों के लिए देशभर के प्रतिष्ठित होटल्स से ऑर्डर मिल रहे हैं। गांव में टूरिज्म को बढ़ाने में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग का सहयोग भी टूरिज्म बोर्ड को मिल रहा है। दिव्यांग भाई-बहनों के लिए टूरिज्म डेस्टिनेशन पर सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। पर्यटन स्थलों को स्वच्छ बनाए रखने के लिए सीएसआर फंड्स की मदद ली जा रही है।

कार्यक्रम में अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती कृष्णा गौर, भोपाल नगर निगम अध्यक्ष श्री किशन सूर्यवंशी, प्रमुख सचिव ग्रामीण विकास श्रीमती दीपाली रस्तोगी सहित जिलों के कलेक्टर एवं वरिष्ठ अधिकारी सहित विभिन्न जिलों के प्रतिभागी और संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

News Desk

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