बिलासपुर: बहुत जल्द ही बिलासपुर-इंदौर नर्मदा एक्सप्रेस, बिलासपुर-रीवा एक्सप्रेस, बिलासपुर-भोपाल एक्सप्रेस समेत कटनी रेल खंड पर चलने वाली ट्रेनों में सफर करने के लिए यात्रियों को उसलापुर स्टेशन जाना पड़ेगा। इसके लिए रेलवे प्रशासन प्रस्ताव भी तैयार कर रहा है। हालांकि, अभी रेलवे की ओर से इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। लेकिन, बिलासपुर रेल मंडल में इसकी सुगबुगाहट शुरू हो गई है। उसलापुर शहर का दूसरा बड़ा रेलवे स्टेशन है। इस स्टेशन को भी अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत विकसित किया जा रहा है। आधे से ज्यादा काम हो चुका है। बाकी काम भी जल्द पूरा हो जाएगा। वहीं, बिलासपुर स्टेशन का भी जीर्णोद्धार किया जा रहा है। रेलवे 435 करोड़ खर्च कर इस स्टेशन को विश्वस्तरीय बनाने की तैयारी में है। इस योजना के तहत जोनल स्टेशन का नया मॉडल भी बनाया गया है। इस मॉडल पर गौर करें तो पुराने भवन के सामने नई लाइन बिछाई जाएगी। यह पुरानी लाइन से जुड़ेगी।
लाइन विस्तार के लिए ट्रेनों की आवाजाही रोकना जरूरी
लाइन विस्तार तभी संभव है, जब पुरानी लाइनों पर ट्रेनों का संचालन बंद किया जाए। रेलवे इसकी तैयारी भी कर रहा है। जोनल स्टेशन में छह, सात और आठ तीन प्लेटफार्म हैं, जहां से कटनी रेलखंड की ट्रेनें निकलती हैं। इन ट्रेनों में नर्मदा, रीवा, भोपाल एक्सप्रेस के अलावा बिलासपुर-शहडोल, बिलासपुर-चिरमिरी पैसेंजर जैसी ट्रेनें शामिल हैं। इन ट्रेनों का संचालन उसलापुर स्टेशन पर शिफ्ट किए बिना लाइन विस्तार का काम संभव नहीं है। इसलिए रेलवे इस पर जोर दे रहा है। बमुश्किल तीन से चार महीने में इन ट्रेनों का संचालन इस स्टेशन से होने की उम्मीद है। रेलवे का मानना है कि जब तक ज्यादा से ज्यादा ट्रेनें रुकना या चलना शुरू नहीं होंगी, तब तक उस स्टेशन का दर्जा नहीं बढ़ेगा। इसके तहत पिछले साल रायपुर से आने वाली ट्रेनों का स्टॉपेज उसलापुर में किया गया था। नई व्यवस्था के तहत ट्रेनें दाधापारा से सीधे उसलापुर पहुंचती हैं। इससे इंजन बदलने का झंझट भी खत्म हो गया है।
बिलासपुर रेलवे स्टेशन पर कम होगा दबाव
बिलासपुर रेलवे स्टेशन पर ज्यादा ट्रेनें रुकने से कहीं न कहीं जोनल स्टेशन में ट्रेनों का दबाव रहता है। इस दबाव के कारण ट्रेनों को आउटर पर भी रोकना पड़ता है। दाधापारा रेलवे यार्ड में कई बार मेल, आजाद हिंद एक्सप्रेस को रोका जा चुका है। हालांकि यह स्थिति सिर्फ जोनल स्टेशन में प्लेटफार्म पर जगह की कमी के कारण होती है। अगर कटनी रेल लाइन की इन ट्रेनों को उसलापुर स्टेशन से भेजा जाए और वापसी में इसी स्टेशन पर परिचालन समाप्त किया जाए तो जोनल स्टेशन में दबाव काफी हद तक कम हो जाएगा।
उसलापुर में अभी 17 ट्रेनें रुक रही हैं
उसलापुर रेलवे स्टेशन पर अभी 17 ट्रेनें रुकती हैं। इनमें से आठ नियमित ट्रेनें हैं। अन्य ट्रेनें साप्ताहिक हैं। इन ट्रेनों का परिचालन शुरू होने से ट्रेनों की संख्या में इजाफा होगा। इससे यात्रियों की संख्या में भी इजाफा होगा। इसे ध्यान में रखते हुए रेलवे प्रशासन सुविधाओं का विस्तार कर रहा है।