अब नर्मदा का अध्यात्म और आनंद उठा सकेंगे लोग
भोपाल । मप्र की जीवन रेखा कही जाने वाली नर्मदा नदी के किनारे दोनों और बसे गांवों में अब एमपी टूरिज्म बोर्ड रूरल होम स्टे तैयार कर रहा है। कुछ जगह इसके तहत होम स्टे तैयार किए जा चुके हैं, तो कई जगह काम चल रहा है। प्रदेश के 11 जिलों के 18 गांव इस योजना में लिए जा रहे हैं, जहां विभाग कई महीनों पहले सर्वे और बातचीत भी पूरी कर चुका है।मप्र में नर्मदा नदी को बेहद सम्मान के साथ पूजा जाता है। मप्र की इस विरासत और संस्कृति को लोगों तक पहुंचाने के लिए एमपी टूरिज्म बोर्ड ने नर्मदा किनारे दोनों ओर बसे गांवों में से कुछ को होम स्टे के लिए चुना है। इन होम स्टे में आने वालों को स्थानीय व्यंजनों के साथ संस्कृति से भी रूबरू कराया जाएगा, ताकि पर्यटन के साथ-साथ देसी संस्कृति, आध्यात्म कला और प्राकृतिक धरोहरों को सहेजा जा सके। विभाग ने सर्वे के बाद कई स्थानों पर इसका काम शुरू भी करवा दिया है। ये होम स्टे देसी परंपरागत तरीके से बनाए जा रहे हैं, ताकि वहां की संस्कृति को यहां आने वाले करीब से महसूस कर सके। लोगों के लिए भी ये एक नया अनुभव होगा। इन होम स्टे में रूकने वालों को उस जिले की संस्कृति, स्थानीय व्यंजन, स्थानीय परंपराओं से रूबरू कराया जाएगा।
सब्सिडी के साथ प्रशिक्षण और प्रचार भी
एमपी टूरिज्म बोर्ड ग्रामीणों को इसे तैयार करने के लिए सब्सिडी तो देता ही है, प्रशिक्षण और प्रचार की जिम्मेदारी भी लेता है। इसे तैयार करने वाले सामान्य वर्ग को बोर्ड 1-1 लाख की (यानी कुल खर्च का 40 फीसदी) सब्सिडी 2 बार में देता है। वहीं, इसे तैयार करने वाले अगर जनजाति समुदाय से हैं, तो उन्हें 1.5-1.5 लाख की दो सब्सिडी दी जाती है।
इन जिलों में हो रहा काम
एमपी टूरिज्म बोर्ड आलीराजपुर, बड़वानी, खरगोन, हरदा, रायसेन, होशंगाबाद, नरसिंहपुर, जबलपुर, मंडला, डिंडौरी और अनूपपुर जिले के 18 गांवों में काम कर रहा है। इसमें प्रमुख बड़े स्थान बड़वानी का राजघाट, खरगोन का महेश्वर, होशंगाबाद, नरसिंहपुर, जबलपुर और अनूपपुर का अमरकंटक शामिल है। इसमें से कुछ जिलों के गावों में काम हो चुका है और 2 होम स्टे में मेहमान आने भी लगे हैं। 45 का काम चल रहा है।
केंद्र सरकार को भी भेजा प्रस्ताव
एमपी टूरिज्म बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक, इसके अलावा विभाग ने केंद्र सरकार को भी 2 जिलों के लिए प्रस्ताव भेजा है। इसमें डिंडौरी और अनूपपुर शामिल हंै। ये प्रस्ताव भारत सरकार की प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान (पीएम जुगा) योजना के लिए है। इस योजना के तहत जनजातीय क्षेत्रों में सामाजिक बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा और आजीविका क्षेत्र में सुधार करना है। इसके तहत इन 2 जिलों के 26 गांव चुने गए हैं।