संस्कृति - अयोध्या

मौनी अमावस्या के दिन स्नान के बाद करें 7 में से 1 काम… नाराज पितर हो जाएंगे शांत

हिंदू धार्मिक मान्यता के अनुसार अमावस्या तिथि पितरों को समर्पित होती है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान दान और पितरों के नाम से तर्पण करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. माघ मास का धार्मिक रूप से विशेष महत्व है. ऐसे में माघ मास में आने मौनी अमावस्या का महत्व और अधिक बढ़ जाता है. मान्यता है कि मौनी अमावस्या पर पितर अपने वंशजों से मिलने के लिए धरती पर आते हैं. यदि आप भी जीवन में किसी प्रकार की परेशानियों से जूझ रहे हैं या पितृ दोष से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो मौनी अमावस्या के दिन कई ऐसे उपाय है जिन्हें करने से पितृ दोष से मुक्ति मिल सकती है.

हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व होता है, लेकिन माघ माह की अमावस्या को और भी ज्यादा शुभ माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से समस्त पापों का नाश होता है और पुण्य की प्राप्ति होती है. यही नहीं, यह दिन पितरों को प्रसन्न करने और पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए भी श्रेष्ठ माना गया है. ‘मौनी’ का अर्थ होता है ‘मौन’ यानी चुप रहना. इस दिन मौन रहकर भगवान का ध्यान करना चाहिए, जिससे आत्मिक शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त होती है. इस दिन गंगा, यमुना, सरस्वती और अन्य पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व बताया गया है.

पितृ दोष से मुक्ति के उपाय

मौनी अमावस्या पर सूर्योदय से पहले पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व होता है. यदि संभव न हो, तो घर पर ही जल में गंगाजल मिलाकर स्नान किया जा सकता है. ऐसा करने से जीवन की नकारात्मकता समाप्त होती है और पितृ दोष दूर होते हैं.
पितरों की आत्मा की शांति के लिए इस दिन तर्पण और पिंडदान करना आवश्यक माना जाता है. किसी पवित्र नदी में काला तिल डालकर पितरों को जल अर्पण करें. ऐसा करने से पितरों की कृपा बनी रहती है और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है.
दान-पुण्य मौनी अमावस्या के सबसे महत्वपूर्ण कार्यों में से एक है. इस दिन ब्राह्मणों, गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन कराना, वस्त्र, आटा, गुड़, फल, कंबल आदि का दान करना शुभ माना जाता है. इससे जीवन के सभी कष्ट समाप्त होते हैं और पितरों की कृपा प्राप्त होती है.
अमावस्या तिथि पर पितरों का वास पीपल के पेड़ में माना जाता है. इसलिए इस दिन पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करें और गाय के शुद्ध घी का दीपक जलाएं. इससे पितरों को शांति मिलती है और घर में सुख-समृद्धि आती है.
मौनी अमावस्या पर कच्चे दूध में जौ, तिल और चावल मिलाकर नदी में प्रवाहित करना शुभ माना जाता है. यह उपाय पितृ दोष को शांत करने के लिए बहुत प्रभावी होता है और जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करता है.
इस दिन घर में हवन करना शुभ माना जाता है. यदि संभव न हो, तो गाय के गोबर से बने उपले जलाकर उस पर घी और गुड़ की धूप दें. इसके साथ ही ‘ पितृ देवताभ्यो अर्पणमस्तु’ मंत्र का उच्चारण करें.
हिंदू धर्म में गाय को भोजन कराना सबसे बड़ा पुण्य कार्य माना जाता है. इस दिन विशेष रूप से हरा चारा, गुड़ और रोटी गाय को खिलाने से पितरों की कृपा प्राप्त होती है और घर में धन-धान्य की कभी कमी नहीं होती.

News Desk

The News Desk at Janmorcha.in is committed to delivering timely, accurate, and in-depth coverage of the latest events from across the globe. Our team of seasoned journalists and editors work tirelessly to ensure that our readers are informed with the most current and reliable news. Whether it's breaking news, politics, sports, or entertainment, the News Desk is dedicated to providing comprehensive analysis and insights that matter to our audience. Trust the News Desk at Janmorcha.in to keep you informed with the news that shapes the world around us.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button