छत्तीसगढ़राज्य

छत्तीसगढ़-रायगढ़ में चक्रधर समारोह में झूमे श्रोता, पद्मश्री अनुज शर्मा ने सुनाए सुमधुर गीत

रायगढ़.

रायगढ़ में आयोजित दस दिवसीय चक्रधर समारोह के नौवीं संगीत संध्या में नई दिल्ली से आई पद्मश्री देवयानी के भरतनाट्यम एवं प्रख्यात कथक नृत्यांगना सुश्री माया कुलश्रेष्ठ के कथक नृत्य ने सबका मन मोह लिया। पद्मश्री से सम्मानित एवं विधायक श्री अनुज शर्मा के छत्तीसगढ़ी लोक गायन ने देर रात तक दर्शकों को झुमाया रखा। उन्होंने गुरू वंदना से गीत आरंभ करते हुए छत्तीसगढ़ी में जसगीत गाकर श्रोताओं को अपने साथ जोड़ा और खूब वाहवाही पायी। रायपुर के प्रदीप कुमार चौबे ने शास्त्रीय गायन एवं सुश्री पलक देवांगन ने कथक नृत्य पर बेहतरीन प्रस्तुति दी।

बिलासपुर की वेदिका शरण ने मंच पर भावभंगिमाओं मुद्राओं के साथ कथक नृत्य पर आकर्षक प्रस्तुति दी। सुश्री भूमिसूता मिश्रा ने ओडिसी नृत्य पर शानदार प्रस्तुति दी। कार्यक्रम की पहली प्रस्तुति में सारंगढ़ की पलक देवांगन ने बहुत ही खूबसूरत और मनमोहक कथक नृत्य की प्रस्तुति दी। शिव वंदना के साथ उन्होंने कथक नृत्य किया। अगली कड़ी में रायपुर के पंडित प्रदीप कुमार चौबे ने शास्त्रीय गायन की प्रस्तुति दी। उन्होंने तबले की थाप और सारंगी की धुन के बीच अपने राग से शास्त्रीय गायन की अभिनव प्रस्तुति दी। उनकी प्रस्तुति ने दर्शकों एवं श्रोताओं को एक बेहतरीन गायक से गायन सुनने का अहसास कराया। कार्यक्रम के तीसरी प्रस्तुति में रायपुर की सुश्री भूमिसूता मिश्रा ने ओडिसी नृत्य पर प्रस्तुति दी। उन्होंने ओडिसी नृत्य में अपनी भावभंगिमाओं से दर्शकों का दिल जीत लिया। सांस्कृतिक संध्या में बिलासपुर की सुश्री वेदिका शरण ने मंच पर भावभंगिमाओं मुद्राओं के साथ आकर्षक नृत्य की प्रस्तुति दी। कथक में वेदिका की सुंदर प्रस्तुति ने दर्शकों को आनंदित किया। उन्होंने संगीत की धुन में अपनी कलात्मक नृत्य की अभिनव प्रस्तुति दी। 10 साल की सुश्री वेदिका शरण 6 वर्ष की आयु से कथक नृत्य में निपुण है। इनकी गुरु सुश्री अंजली ठाकुर (लखनऊ घराना) है।
नई दिल्ली से आई पद्मश्री देवयानी के भरतनाट्यम की शानदार प्रस्तुति से दर्शकों का मन मोह लिया। मौके पर केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री श्री रामदास अठावले ने उनका शाल और श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया। उल्लेखनीय है कि लुईस मेले की एक डॉक्यूमेन्टरी फिल्म में भरतनाट्यम की सम्मोहक प्रस्तुति से प्रभावित, पेरिस में जन्मी पदमश्री देवयानी ने भारत आकर भरतनाट्यम की विधिवत शिक्षा, महान गुरु श्री के.जी.इलप्पा मुदलियार और कलाईमामनी व्ही.एस.मुत्थुस्वामी पिल्लई से प्राप्त की। उन्होंने लगभग 3000 वर्ष पुरातन भरतनाट्यम नृत्य शैली की खूबसूरती, लयात्मकता और इसमें निहित आध्यात्मिक भक्ति को आत्मसात किया। देवयानी ने अपनी प्रथम प्रस्तुति किसी कलामंच पर नहीं, बल्कि 'ए गर्ल फ्रॉम अमेरिका' नामक बॉक्स आफिस हिट दक्षिण भारतीय फिल्म में दी। इस फिल्म में उन्होंने चिदम्बरम मंदिर की नर्तकी के मुख्य पात्र का अभिनय किया था। भरतनाट्यम के प्रति देवयानी की समर्पित निष्ठा और नृत्य-सौंदर्यबोध ने इस नृत्य को भारत की सीमाओं से परे ले जाते हुए, पूरे विश्व में सौहाद्र्र शांति और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बना दिया। इंग्लैण्ड में भारतीय नृत्य एवं संस्कृति के उन्नयन के लिये फस्र्ट ऐशियन डान्सर आर्टिस्ट एवार्ड इन रेसीडेन्सश् सम्मान से नवाजी गई देवयानी डेनमार्क की महारानी के जन्मोत्सव, संयुक्त राष्ट्र संघ दिवस समारोह, जर्मनी में भारतीय गणतंत्र समारोह सहित फ्रांस, जर्मनी और ग्रीस के प्रतिष्ठापूर्ण आयोजनों और अनेक नृत्य-वर्कशाप, अंतर्राष्ट्रीय सेमीनार्स का संचालन सहित भारत और विश्व के लगभग सभी प्रमुख देशों के कलामंचों को अपने भरतनाट्यम के नुपूरों से शोभित किया है। आई.एम.एम.टॉप कल्चरल एम्बेसडर एवार्ड फॉर एक्सीलेन्स और नेशनल वीमेन एक्सीलेन्स एवार्ड से सम्मानित देवयानी को भारत के राष्ट्रपति द्वारा कला के क्षेत्र में भरतनाट्यम की अद्वितीय उपलब्धियों के लिये पदमश्री से अलंकृत किया गया। कल्चरल एम्बेसडर के भारत में पद्मश्री देवयानी भरतनाट्यम की कल्चरल रूप में प्रतिष्ठित हैं। उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय अनेक पुरस्कारों और सम्मान से नवाजा जा चुका है।

नई दिल्ली से चक्रधर समारोह में कार्यक्रम देने पहुंची देश की प्रख्यात कथक नृत्यांगना सुश्री माया कुलश्रेष्ठ ने सबका मन मोह लिया। उन्होंने 5 वर्ष की आयु में ही अपने पैरों में कथक के घुंघरू बांध लिए थे। गुरु श्रीमती डॉ.मोनिका श्रीवास से प्रारंभिक शिक्षा के बाद उन्होंने विधिवत शिक्षा प्राप्त की। कथक में एमए के बाद अभिनय पक्ष की पुष्टता के लिए थिएटर भी किया। सामाजिक सरोकारों से जुड़े होने के कारण इन विषयों को भी उन्होंने अपने नृत्य में स्थान दी है। उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय अनेकों सम्मान मिल चुके हैं। सुश्री माया कुलश्रेष्ठ देश-विदेश में 500 से ज्यादा कार्यक्रम दे चुकी हैं। केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता राज्य मंत्री श्री रामदास अठवले ने उन्हें शाल और श्रीफल देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम के अंतिम प्रस्तुति में छत्तीसढिय़ां हीरो पद्मश्री अनुज शर्मा के छत्तीसगढ़ी लोक गायन को सुनने दर्शक दिल थाम के बैठे हुए थे। जैसे ही समारोह के मंच पर उनका आगमन हुआ वहां बैठें दर्शकों के तालियों की गडग़ड़ाहट कार्यक्रम स्थल पर गूंज उठा। अनूज शर्मा को देखने कल रात रामलीला मैदान ऐसा दिखाई दे रहा था कि मानों जैसे कि रायगढ़ शहर एवं आसपास क्षेत्र के लोग परिवार सहित उठकर समारोह स्थल पर आ गए है। पद्मश्री अनुज शर्मा ने समारोह में अपने चिरपरिचित अंदाज में पूरे जोश के साथ माते रहिबे माते रहिबे.. सास गारी देबे.. ननंद चुटकी लेबे, ससुराल गैंदा फूल… जैसे गीतों को गाकर दर्शकों की खूब वाहवाही बटोरी। यह सिलसिला यूं ही समाप्त नहीं हुआ बल्कि दर्शकों की मांग पर भी उन्होंने छत्तीसगढ़ी गीतों को गाकर सुनाया। मैं तो तरस तरस मर जैहय.. तोर बिना मन नई लगे वो, मोर माया ला नई जाने हो… बने करे राम मोला अधरा बना… हाय रे दौना पान … मोर संग चलौ जी जैसे विभिन्न छत्तीसगढिय़ा गीतों ने दर्शकों को झूमने को मजबूर किया।

News Desk

The News Desk at Janmorcha.in is committed to delivering timely, accurate, and in-depth coverage of the latest events from across the globe. Our team of seasoned journalists and editors work tirelessly to ensure that our readers are informed with the most current and reliable news. Whether it's breaking news, politics, sports, or entertainment, the News Desk is dedicated to providing comprehensive analysis and insights that matter to our audience. Trust the News Desk at Janmorcha.in to keep you informed with the news that shapes the world around us.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button