छत्तीसगढ़राज्य

रायपुर : तोमर ब्रदर्स के घर से 37 लाख कैश सोने-चांदी के जेवरात के अलावा हथियार भी मिले

रायपुर

टिकरापारा इलाके में कभी मामूली सा अंडे का ठेला लगाने वाले हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र सिंह तोमर और रोहित सिंह तोमर सूदखोरी के लिए कुख्यात है। कई आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने और सूदखोरी व अवैध वसूली करके करोड़ों की संपत्ति बना ली है। इसकी बड़ी वजह नेताओं और अफसरों से उनकी घनिष्ठता भी है। वर्ष 2019 में भी सूदखोर वीरेंद्र, उसके भाई रोहित और उसके अन्य साथियों के खिलाफ कोतवाली व पुरानीबस्ती थाने में बड़ी कार्रवाई हुई थी।

 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था, लेकिन पुलिस की पूरी जांच 5 महंगी कारों पर आकर अटक गई। यूको बैंक से फाइनेंस हुई इन 5 महंगी कारों की जांच आज तक आगे नहीं बढ़ी। बताया जाता है कि इसमें तोमर भाइयों पर बड़ा अपराध दर्ज होना था, लेकिन पुलिस ने जांच की फाइल ही बंद कर दी। यही वजह है कि कुछ माह बाद दोनों भाई जेल से छूट गए और फिर बेखौफ होकर गुंडागर्दी और वसूली का कारोबार शुरू कर दिया।

एक पीड़ित के थाने में दिए बयान के मुताबिक, इन लोगों ने उधार के एवज में भरा चेक, कोरा चेक, कोरे स्टाम्प पर साइन करवाया। पैसे की वसूली के लिए लगातार मारने की धमकी और जेल भेजने की धमकी दी। इसके साथ ही डरा धमकाकर औने पौने दाम पर जमीन की रजिस्ट्री कराई गई।

रोहित ने एक प्रॉपर्टी डीलर के साथ मारपीट भी की थी। इसके बाद से वह फरार है। पुलिस उसकी खोजबीन करते हुए भाठागांव स्थित सांई विला मकान पहुंची।

सर्च वारंट के साथ पहुंची थी पुलिस की टीम

दरअसल, रोहित तोमर पर आरोप है कि उसने पुराने रंजिश के चलते अपने बाउंसर के साथ मिलकर प्रॉपर्टी डीलर दशमीत चावला के साथ मारपीट की। दशमीत ने अपनी शिकायत में बताया कि 31 मई की रात में अपने दोस्त के साथ खाना खाने VIP रोड के क्लब गया था।

वहां पर रोहित तोमर उसे गेट के पास पुरानी रंजिश की वजह से गालियां देने लगा। फिर मारपीट करने के बाद जान से मारने की धमकी दी। घटना के बाद से आरोपी फरार है।

पुलिस ने बताया कि थाना तेलीबांधा रायपुर में दर्ज मामले में रोहित सिंह तोमर की खोजबीन की जा रही है, लेकिन आरोपी का अब तक कुछ पता नहीं चला है। इसके बाद पुलिस ने न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी से सिर्फ आरोपी के भाटागांव स्थित मकान का सर्च वारंट प्राप्त किया।

फिर तेलीबांधा पुरानी बस्ती थाना, क्राइम ब्रांच और रक्षा टीम के साथ 4 जून को मकान की तलाशी ली गई। मकान में 35 लाख कैश, 734 ग्राम सोने के जेवर, 125 ग्राम चांदी, बीएमडब्ल्यू, थार और ब्रेजा जैसी महंगी गाड़ियां मिली है। जिसे पुलिस ने जब्त किया है।

धोखाधड़ी का बड़ा मामला बन सकता था
सूत्रों के मुताबिक, यूको बैंक में फर्जी दस्तावेज लगाकर 5 महंगी कारें फाइनेंस कराई गई थी। दस्तावेजों में किसी में पता गलत बताया गया था, तो किसी में फजी आधार कार्ड लगाया गया। इस फर्जीवाड़ा का कनेक्शन वीरेंद्र और रोहित से भी था। वर्ष 2019 की कार्रवाई के दौरान पुलिस ने जब आरोपियों के घर में छापा मारा, तो उस समय बड़ी संख्या में स्टॉप पेपर और दस्तावेज मिले थे। इन्हीं में महंगी कारों से जुड़े दस्तावेज भी थे। इसके जरिए धोखाधड़ी का बड़ा मामला बन सकता था, लेकिन आगे की जांच पुलिस ने रोक दी थी।

पुलिस की अपील: कर सकते हैं शिकायत
आरोपियों के घर से मिले कर्जदारों के दस्तावेजों के आधार पर जांच शुरू कर दी है। साथ ही पुलिस ने अपील भी की है कि आरोपियों से पीड़ित कोई भी व्यक्ति पुलिस में शिकायत कर सकता है। शिकायतों पर एक्शन लिया जाएगा।

कर्जा देकर अधिक वसूली, पैसे नहीं देने पर जमीन हथियाने, जबरन रजिस्ट्री कराने का खेल
हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र सिंह तोमर उर्फ रूबी सिंह और रोहित तोमर तथा उसके अन्य सहयोगियों के खिलाफ पुलिस ने ब्लैकमेलिंग, कर्जा एक्ट सहित संगठित अपराध का मामला दर्ज किया है। दोनों भाई फरार हैं, पुलिस ने उसके भतीजा दिव्यांश तोमर को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के भाठागांव स्थित मकान में छापा मारकर पुलिस ने करोड़ों के जेवर-नकदी, महंगी कार, तलवार, पिस्टल-रिवाल्वर आदि के अलावा बड़ी संया में स्टाप पेपर, दूसरों के नाम के कोरा चेक आदि बरामद किए हैं।

मामले का खुलासा करते हुए एसएसपी डॉक्टर लाल उमेद सिंह ने बताया कि बरामद स्टॉप पेपर के आधार पर पुलिस ने संबंधित लोगों से पूछताछ की। पूछताछ में कर्जा देकर अधिक वसूली, पैसे नहीं देने पर जमीन हथियाने, जबरदस्ती रजिस्ट्री कराने का मामला सामने आया। इसके बाद पुरानीबस्ती पुलिस ने सूदखोर वीरेंद्र, रोहित और दिव्यांश के खिलाफ अपराध दर्ज किया है। दिव्यांश को गिरफ्तार कर लिया गया है।

उल्लेखनीय है कि आरोपी वीरेंद्र सिंह राष्ट्रीय करणी सेना का प्रदेश अध्यक्ष भी है। आरोपियों के खिलाफ अलग-अलग थानों में हत्या से लेकर धोखाधड़ी तक के कई गंभीर अपराध दर्ज हैं।

18 लाख कर्ज दिया, अब तक 54 लाख वसूले
आरोपी वीरेंद्र और रोहित का सूदखोरी का बड़ा कारोबार है। ब्याज के नाम पर डरा-धमका कर वसूली करते थे। खम्हारडीह इलाके के जयदीप बैनर्जी ने वर्ष 2021 में वीरेंद्र और रोहित से अलग-अलग दिन मिलाकर कुल 18 लाख कर्ज लिया था। मूल राशि उतना ही है, लेकिन दोनों भाइयों ने जयदीप से अब तक 54 लाख वसूल लिए। फिर जयदीप कर्जामुक्त नहीं हो पाया है। इसी तरह दुर्ग के नासीर बश से भी लाखों रुपए वसूल लिए।

जमीन ही हड़प ली
भाठागांव निवासी मनीष साहू की आरोपी वीरेंद्र के घर के आसपास ही करीब 1100 वर्गफीट जमीन है। उसे डरा-धमकाकर उसकी जमीन के पेपर रख लिया। उसे जमीन बेचने नहीं दे रहा था। जब भी कोई ग्राहक आता था, तो उसे भगा देता था। उसे धमकी भी दी गई थी। पुलिस ने जयदीप, मनीष और नासिर की शिकायत पर पुरानीबस्ती पुलिस ने आरोपी वीरेंद्र सिंह, रोहित सिंह और दिव्यांश व अन्य के खिलाफ वसूली, कर्जा एक्ट और संगठित अपराध का केस दर्ज किया गया है। इस मामले में आरोपियों के भतीजे दिव्यांश को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

सूदखोरी से ऐसे बने रईस
आरोपी वीरेंद्र और रोहित सूदखोरी का धंधा भी करते हैं। जयदीप और नासिर को 8 फीसदी ब्याज पर पैसा दिया था। ब्याज की राशि तय समय पर देनी पड़ती थी, लेकिन अगर ब्याज की राशि तय समय पर कोई नहीं दे पाता था, तो अगले दिन से प्रतिदिन के हिसाब ब्याज लेते थे। जो ब्याज महीना में लगता था, अब उसे रोज वसूलते थे। 8 फीसदी ब्याज का पैसा नहीं देने पर गुंडों को घर भेजकर रकम की वसूली कराते थे। जमीन या अन्य महंगी चीजें अपने नाम पर करवाते थे। इस तरह दोनों भाई रातों-रात करोड़पति हो गए। बड़ा बंगला और महंगी गाड़ियां खरीद ली है।

पत्नी के अकाउंट में लेते पैसा, बैंक वाले को भगा देते
आरोपी वीरेंद्र और रोहित सूदखोरी के धंधे में ब्याज का पैसा अपनी पत्नी शुभ्रा तोमर और नेहा तोमर के बैंक खाते में लेते थे। इसके अलावा अपने कर्मचारी योगेश के खाते में भी लेते थे। पुलिस इनके खिलाफ भी जांच कर रही है। यूको बैंक के कर्मचारी भी वसूली नहीं कर पा रहे हैं। दरअसल यूको बैंक से आरोपियों ने बीएमडब्ल्यू कार फायनेंस कराया था, लेकिन लोन नहीं चुकाया। कोर्ट ने वसूली का आदेश भी कर दिया है, लेकिन जब भी बैंक वाले आरोपियों के घर जाते थे, अपने बाउंसरों से उन्हें भगा देते थे।

10 प्रतिशत ब्याज वसूलता था तोमर

पुलिस के पास रोहित तोमर के खिलाफ कारोबारी को जान से मारने की धमकी देने की पहले भी शिकायत आ चुकी है। एक छोटे कारोबारी ने 5 लाख रुपए लिया था। 5 लाख रुपए देने के बाद हर महीने 10 प्रतिशत ब्याज लिया। आरोपी पैसे देने को लेकर लगातार दबाव बनाता था। शिकायत करने पर मारपीट करने और जान से मारने की धमकी देता था।

परिवार की महिलाओं के भी नाम सामने आए

जांच और पीड़ितों के बयान के मुताबिक, कई साल से ब्याज की राशि वे लोग कच्चे में लेते है। कुछ राशि अपने कर्मचारी योगेश और परिवार की महिलाएं शुभ्रा तोमर, नेहा तोमर के अकाउंट पर लेते हैं। फिलहाल एक आरोपी दिव्यांश तोमर (उम्र 25 साल) को गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस ने सिर मुंडवाकर निकाला था जुलूस

बता दें कि, एक साल पहले रायपुर के हाइपर क्लब गोलीकांड के बाद पुलिस ने आरोपियों का सिर आधा मुंडवा कर जुलूस निकाला था। इस घटना में रोहित तोमर, विकास अग्रवाल, सारंग मांधान और अमित तनेजा गिरफ्तार हुए थे। जुलूस निकालने के दौरान उनके कपड़े भी फटे हुए थे।

निगरानी गुंडा बदमाश में है रोहित तोमर

सूदखोर रोहित तोमर निगरानी गुंडा बदमाश है। आरोपी के खिलाफ राजेंद्र नगर, तेलीबांधा, पुरानी बस्ती, कोतवाली और गुढ़ियारी में 9 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। आरोपी सूदखोरी, मारपीट, ब्लैकमेल के मामले में जेल भी जा चुका है। सूदखोर रोहित गोल्डन मैन के नाम से जिले में मशहूर है। रसूखदारी बनी रहे, इसलिए आरोपी अपने गिरोह के साथ समय-समय पर कार्यक्रमों में भी दिखता है।

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