मध्यप्रदेशराज्य

अधिक राशि लौटाओ वरना अगले वर्ष बजट नहीं देंगे

भोपाल। संचित निधि खाते से जरूरत से अधिक राशि निकालने वाले निगम-बोर्ड और मंडलों की परेशानी बढऩे वाली है। इसको लेकर वित्त विभाग ने निर्देश जारी किया है कि संचित निधि की ज्यादा राशि निकालने वाले निगम-बोर्ड और मंडलों ने जो अधिक राशि निकाली है उसे लौटाएं, वर्ना अगले वर्ष उन्हें बजट नहीं दिया जाएगा। वित्त विभाग के इस निर्देश से निगम-मंडलों में हडक़ंप मचा हुआ है। अब उन पर उक्त राशि लौटाने का दबाव है। प्रमुख सचिव वित्त मनीष रस्तोगी ने कहा है कि तय समय सीमा में राशि वापस नहीं लौटाना गंभीर वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आएगा। ऐसी स्थिति न बने, इसलिए समय-समय पर प्रशासकीय विभाग और विभाग अध्यक्ष निगम, मंडलों की आय व्यय की समीक्षा करें।
गौरतलब है कि प्रदेश के निगम, मंडल और बोर्ड के अफसरों ने सरकार के संचित निधि खाते से जरूरत से अधिक राशि निकाल ली है। इस पर वित्त विभाग ने आपत्ति जताते हुए कहा है कि प्रदेश के निगम, मंडल, बोर्ड और समितियों के अधिकारी जरूरत से अधिक राशि बैंक खातों में नहीं जमा रख सकेंगे। सरकार के संचित निधि (कंसोलिडेटेड फंड) के खाते से निकाली गई रकम को वापस संचित निधि खाते में जमा करना होगा। अगर किसी अधिकारी द्वारा इसका पालन नहीं किया गया तो अगले वित्त वर्ष में बजट आवंटन नहीं किया जाएगा। विभागों के बजट नियंत्रण अधिकारी पूरे मामले का रिव्यू करेंगे। देखेंगे कि संचित निधि खाते से निकाली गई रकम की क्या वास्तव में जरूरत थी। ऐसा नहीं होने पर शेष राशि लौटाना होगी, अन्यथा वित्तीय अनियमितता के लिए संबंधित अधिकारी को जिम्मेदार माना जाएगा।

वित्त विभाग ने जारी किए निर्देश
प्रदेश के सभी विभागों, राजस्व मंडल अध्यक्ष, संभागायुक्तों, विभागाध्यक्षों और कलेक्टरों को वित्त विभाग ने निर्देश जारी किए हैं। इसके अनुसार राज्य की संचित निधि से निकाल कर बैंक खातों में जमा की गई आवश्यकता से अधिक शेष राशि वापस संचित निधि खाते में जमा करना है। वित्त विभाग ने कोषालय संहिता 2020 के नियम-7 के साथ ही सहायक नियम-153 और एमपी वित्त संहिता भाग-1 के नियम-6 का हवाला दिया है। इसके अनुसार संचित निधि की राशि इस तरह से निकालकर बैंक खातों में जमा करना वर्जित है। इसमें सिर्फ उन योजनाओं को ही अलग रखा गया है, जो केंद्र प्रवर्तित हैं और केंद्र क्षेत्रीय योजनाओं से संबंधित हैं। इनके लिए स्टेट नोडल एजेंसी या सेंट्रल नोडल एजेंसी के पक्ष में खोले गए बैंक खातों में राशि रखी जाने की व्यवस्था तय है।

आय-व्यय की जांच करें अफसर
प्रमुख सचिव वित्त मनीष रस्तोगी ने कहा है कि तय समय सीमा में राशि वापस नहीं लौटाना गंभीर वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आएगा। ऐसी स्थिति न बने, इसलिए समय-समय पर प्रशासकीय विभाग और विभागाध्यक्ष निगम, मंडलों की आय- व्यय की समीक्षा करें। बजट नियंत्रण अधिकारी निगम, मंडल के बैंक खातों का रिव्यू कर यह क्लियर करेंगे कि क्या वास्तव में राशि का आगामी आहरण किया जाना जरूरी है। इसके लिए अधिकारी की संतुष्टि के बाद उपयोगिता प्रमाण पत्र प्राप्त करने के आधार पर ही राशि निकाली जा सकेगी और निगम, मंडल व बोर्ड के खाते में ट्रांसफर हो सकेगी। वित्त विभाग ने 31 जनवरी तक बैंक खातों में जमा राशि की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं। रस्तोगी ने ऐसी स्थिति का पालन नहीं होने पर संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही भी करने के निर्देश दिए हैं। इस मामले में संबंधित विभाग के सचिव द्वारा वित्त विभाग को 5 अप्रेल 2025 तक पूरी जानकारी दी जाएगी। इन निर्देशों के पालन के बाद ही वित्त वर्ष 2025-26 के लिए संबंधित बजट नियंत्रण अधिकारी को बजट आवंटन किया जा सकेगा और ऐसी स्थिति के लिए संबंधित अधिकारी खुद जिम्मेदार होंगे।

इन निर्देशों का पालन करना जरूरी
बजट नियंत्रण अधिकारी अपने विभाग तथा अधीनस्थ संस्थानों के अंतर्गत 31 जनवरी 2025 तक सभी बैंक खातों में जमा राशि की समीक्षा करेंगे। वित्त वर्ष 2024-25 की शेष अवधि के लिए इन बैंक खातों में आवश्यक राशि होने पर संबंधित योजना के लिए बजट आवंटन उपलब्ध होने पर भी राशि नहीं निकाली जा सकेगी। वित्त वर्ष 2024-25 की शेष अवधि और वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बैलेंस राशि 31 मार्च 2025 के पहले साइबर कोषालय के माध्यम से संचित निधि में जमा करना होगा। वित्त विभाग के निर्देश में निगम, मंडल, बोर्ड और समिति के लिए एक फार्मेट भी जारी किया गया है। जिसमें बैंक खातों में आवश्यकता से अधिक रखी गई रकम को राज्य शासन के संचित निधि में जमा कराने के लिए प्रमाण पत्र के रूप में देना है। इसमें निगम, मंडल, बोर्ड, समिति अपना नाम और पता बताने के साथ बैंक खाता और आईएफएससी कोड भी बताएंगे। साथ ही बैंक का नाम, उसमें अपडेट राशि (लाख रुपए में) बतानी होगी। जो राशि जमा नहीं की जाएगी उसका भी प्रमाण पत्र देना होगा कि किस कारण से राशि जमा कराना अपेक्षित नहीं है।

News Desk

The News Desk at Janmorcha.in is committed to delivering timely, accurate, and in-depth coverage of the latest events from across the globe. Our team of seasoned journalists and editors work tirelessly to ensure that our readers are informed with the most current and reliable news. Whether it's breaking news, politics, sports, or entertainment, the News Desk is dedicated to providing comprehensive analysis and insights that matter to our audience. Trust the News Desk at Janmorcha.in to keep you informed with the news that shapes the world around us.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button