विदेश

सीरिया से निकले असद, रूसी एजेंटों ने आखिरी समय में बचाकर मॉस्को पहुंचाया

विद्रोहियों ने सीरिया पर कब्जा कर लिया और राष्ट्रपति बशर अल-असद को देश छोड़कर रूस में राजनीतिक शरण लेनी पड़ी. असद ने परिवार के लोगों को कुछ दिन पहले ही रूस भेज दिया था, लेकिन उनको देश से निकालने के लिए रूसी एजेंटों में बड़ी भूमिका निभाई. क्रेमलिन सूत्रों ने खुलासा किया है कि पुतिन ने असद को बताया कि वह हारने वाले हैं और इसके बाद ही उन्हें सीरिया से बाहर निकालने का ऑपरेशन शुरू किया गया.

रूसी सरकार के एजेंटों ने असद को देश छोड़कर भागने के लिए राजी कर लिया, क्योंकि विद्रोही सीरिया के प्रमुख शहरों पर कब्जा करना जारी रखे हुए थे. रूस का मानना ​​था कि असद लड़ाई हारने वाले हैं. जिसके बाद रूसी खुफिया एजेंटों ने नाटकीय ढंग से उन्हें भगाने की योजना बनाई. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रविवार को व्यक्तिगत रूप से असद को बचाने की मंजूरी दी और निर्वासन में उनकी सुरक्षा की गारंटी दी.

असद को देश से निकालने का जिम्मा अब पूरी तरह से रूसी एजेंटों के हाथ में था, क्योंकि उनके सैनिक विद्रोहियों के डर की वजह से पीछे हट गए और उन्होंने नागरिक कपड़े पहन लिए. रूसी खुफिया विभाग ने फिर भागने की योजना बनाई और सीरिया में अपने एयर बेस के ज़रिए असद को बाहर निकाला. असद को रूस की तरफ से आदेश दिया गया कि वह किसी को कुछ न बताए.

किंग से बचने के लिए विमान का ट्रांसपोंडरबंद कर दिया गया. फ्लाइट ट्रैकिंग वेबसाइट फ्लाइटरडार 24 ने एक विमान दिखाया, माना जा रहा था कि इसमें असद सवार थे और वह रविवार की सुबह सीरिया की राजधानी दमिश्क से भाग रहे थे. इस विमान को भूमध्य सागर की ओर जाते हुए देखा गया था, लेकिन अचानक उसने एक विचित्र यू-टर्न लिया और नक्शे से गायब हो गया.

जब विमान रडार से गायब हुआ तो असद के ठिकाने और उनकी मौत के बारे में अफवाहें फैलने लगीं, कुछ लोगों का मानना ​​था कि विद्रोहियों ने उनके विमान को मार गिराया है. उड़ान के 40 मिनट बाद सुबह 5.29 बजे विमान रडार से गायब हो गया और ऊंचाई संबंधी आंकड़ों से पता चला कि विमान नीचे की तरफ जा रहा था. हालांकि जब असद के जिंदा रहने और मरने की खबरें चल रही थी, तभी यह खबर सामने आई कि असद सुरक्षित रूप से रूस पहुंच गए हैं.

बशर-अल-असद और उसके परिवार के देश से जाने के बाद असद वंश का आधी शताब्दी से ज्यादा का शासन समाप्त हो गया. बशर ने अपने पिता हाफ़िज़ का स्थान लिया, जो 1971 से 2000 में अपनी मृत्यु तक राष्ट्रपति थे. असद के जाने के कुछ ही घंटों के भीतर विद्रोहियों ने दमिश्क में प्रवेश किया और लगभग 14 वर्षों से चल रहे सीरियाई संघर्ष में जीत का दावा किया. सीरिया के पूर्व खुफिया अधिकारी ने बताया कि असद अपने परिवार के सदस्यों और 135 अरब डॉलर (£106 अरब) की संपत्ति के साथ लेकर चले गए हैं. जिसने उन्हें “दुनिया का सबसे अमीर शरणार्थी” करार दिया.

समय पर उठाया गया रूस की तरफ से कदम
रूस की तरफ से सही समय पर यह कदम उठाया गया, क्योंकि रूसियों ने असद को पीछे हटने के लिए कहा और वह खूनी संघर्ष से बचना चाहते थे. क्योंकि अगर वह ऐसा नहीं करते तो उनका वही हश्र हो जो गद्दाफी या सद्दाम हुसैन का हुआ था, जिन्हें 2006 में एक मुकदमे के बाद फांसी पर लटका दिया गया था. क्रेमलिन ने यूक्रेन के पूर्व राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच के लिए भी इसी प्रकार की इमरजेंसी निकासी की व्यवस्था की थी, जो 2014 में रूस विरोधी विद्रोह के कारण सत्ता पर अपनी पकड़ खोने के बाद भाग गए थे.
 

News Desk

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