छत्तीसगढ़राज्य

बीजापुर में नक्सलियों पर कहर बनकर टूटे सुरक्षाबल, 18 से ज्यादा ढेर, ठिकाने तबाह, 200 IED जब्त

बीजापुर

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के कर्रेगुट्टा की विशाल और दुर्गम पहाड़ियों में पिछले दो सप्ताह से सुरक्षा बलों द्वारा बड़े स्तर पर नक्सल-विरोधी ऑपरेशन चलाया जा रहा है। इसी अभियान के तहत मंगलवार देर रात एक बड़ी मुठभेड़ हुई है, जिसमें सुरक्षा बलों ने 18 से ज्यादा नक्सलियों को मार गिराया है। नक्सलियों के मारे जाने का आंकड़ा बढ़ सकता है। मारे गए नक्सलियों के पास से हथियार और विस्फोटक सामग्री बरामद की गई है।

यह ऑपरेशन पिछले 14 दिनों से लगातार चलाया जा रहा है। जिसमें कई नक्सलियों को मार गिराया जा चुका है। कर्रेगुट्टा क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए तलाशी अभियान को चुनौतीपूर्ण बताया जा रहा है, लेकिन सुरक्षाबल के जवान तलाशी और गश्त अभियान चला रहे हैं।

सूत्रों की मानें तो इस क्षेत्र में कुछ शीर्ष नक्सली नेताओं और बटालियन नंबर एक की मौजूदगी की खुफिया सूचना मिली थी। जिसके आधार पर ऑपरेशन को तेज किया गया। संभावना जताई जा रही है कि मारे गए नक्सलियों की संख्या अभी और बढ़ सकती है, क्योंकि कई अन्य ठिकानों पर भी सुरक्षा बलों की कार्रवाई जारी है।

हालांकि, इस मुठभेड़ को लेकर अभी तक स्थानीय पुलिस की ओर से आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। कर्रेगुट्टा पहाड़ी क्षेत्र पहले भी नक्सली गतिविधियों के लिए जाना जाता रहा है। ऐसे में सुरक्षा बलों की यह कार्रवाई इस पूरे इलाके में नक्सली नेटवर्क को कमजोर करने की दिशा में एक बड़ी कामयाबी मानी जा रही है।

200 से ज्यादा आईईडी बरामद
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जवानों ने करेगुट्टा इलाके में तलाशी के दौरान 200 से ज्यादा आईईडी (IED) बरामद किए हैं। करेगुट्टा पहाड़ पर लगभग 5000 फीट की ऊंचाई पर जवान तैनात हैं। माना जा रहा है कि अब अगर नक्सलियों ने तेलंगाना बॉर्डर से छत्तीसगढ़ में घुसने की कोशिश की, तो उनका सीधा सामना जवानों से होगा।

नक्सलियों के गढ़ में घुसकर किए ढेर
हथियारबंद जवान बांस के झुरमुटों, जंगली बेलों को पार करते हुए चट्टानों पर सावधानी से कदम रखते हुए पहाड़ी चोटी पर तलाशी अभियान चला रहे हैं। सालों से बस्तर में जमे नक्सलियों के लिए यही पहाड़ और जंगल सुरक्षित जगह रहे हैं। नक्सली इन मुश्किल इलाकों से पूरी तरह वाकिफ हैं।

उन्होंने बताया कि बताया कि बस्तर क्षेत्र में शुरू किए गए सबसे बड़े नक्सल विरोधी अभियानों में से एक इस अभियान में जिला रिजर्व गार्ड, बस्तर फाइटर्स और छत्तीसगढ़ पुलिस के एसटीएफ, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और कमांडो बटालियन फॉर रेसोल्यूट एक्शन (कोबरा) के जवान समेत विभिन्न इकाइयों के जवान शामिल हैं।

अधिकारियों ने बताया कि यह अभियान अंतरराज्यीय सीमा पर बीजापुर (छत्तीसगढ़) और मुलुगु और भद्राद्री-कोठागुडेम (तेलंगाना) के दोनों ओर लगभग आठ सौ वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैले दुर्गम इलाके और घने जंगल में जारी है। यह स्थान राजधानी रायपुर से 450 किलोमीटर दूर है।

पहली बार इन पहाड़ियों पर चलाया ऑपरेशन
पहली बार जवानों ने करेगुट्टा में ऑपरेशन चलाया है। इससे पहले इन पहाड़ों पर कभी भी जवानों ने ऑपरेशन नहीं चलाया था, जिसका फायदा नक्सली उठाते आए हैं। अब हालात बदल गए हैं। जवानों ने पहाड़ पर कब्जा कर लिया है। जवान अब नक्सलियों तक पहुंचने के लिए हर तरह की मुश्किलों से जूझते हुए लगातार रणनीति के अनुसार आगे बढ़ रहे हैं। बीजापुर के उसुर थाना क्षेत्र के दायरे में नीलम सराई, दोबे, नम्बी, दुर्गमगुट्टा और करेगुट्टा पहाड़ी रेंज है, जिस पर फिलहाल ऑपरेशन चलाया जा रहा है। इतनी पहाड़ी रेंज को अपने कब्जे में लेते हुए जवान लगातार नक्सलियों की तलाश में जुटे हुए हैं।

 

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