संस्कृति - अयोध्या

शनिवार व्रत से प्रसन्न होंगे शनि देव, मिटेंगे पाप और कष्ट, जानें मुहूर्त, त्रिपुष्कर योग, भद्रा, राहुकाल

पौष माह का शनिवार व्रत है. इस दिन मृत्यु लोक की भद्रा है. रवि योग बनेगा, लेकिन षष्ठी ति​थि में त्रिपुष्कर योग भी बना है. उस दिन पौष कृष्ण षष्ठी तिथि, पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र, प्रीति योग, वणिज करण, पूर्व का दिशाशूल और सिंह राशि में चंद्रमा है. शनिवार व्रत रखकर कर्मफलदाता और न्याय के देवता शनि देव की पूजा करते हैं. शनि महाराज की कृपा से व्यक्ति के पाप और कष्ट मिटेंगे. शनि देव की पूजा करने से साढ़ेसाती और ढैय्या के कष्टों में कमी होती है. शनिवार को शनि महराज को काला तिल, सरसों का तेल, नीले फूल, काला या नीला कपड़ा आदि चढ़ाएं. शनि मंदिर में जाकर छाया दान करें. इससे भी आपको लाभ होगा. पूजा के समय शनि रक्षा स्तोत्र या शनि कवच का पाठ करें. ऐसे भक्तों की रक्षा शनि देव करेंगे.

शनिवार व्रत के दिन भद्रा है, इसका प्रारंभ दोपहर में 12 बजकर 21 मिनट पर होगा. इसका वास स्थान पृथ्वी है. इस समय में आपको कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भद्रा में कोई भी शुभ कार्य करने से उसमें बाधाएं आती हैं और वह​ पूर्ण नहीं हो पाता है. इस वजह से पृथ्वी लोक की भद्रा का समय मांगलिक कार्यों के लिए वर्जित है. शनि की कृपा पाने के लिए आप शनिवार को गरीब और जरूरतमंद लोगों को कंबल, काला छाता, जूते, चप्पल, काला तिल, सरसों का तेल, लोहा, स्टील के बर्तन आदि का दान कर सकते हैं. इस बाल, नाखून, दाढ़ी न बनाएं. अपने नीचे के कर्मचारियों के साथ अच्छे से बर्ताव करें. सफाई कर्मचारी, नौकर आदि से भी अच्छे से पेश आएं. वैदिक पंचांग से जानें आज का शुभ मुहूर्त, त्रिपुष्कर योग, भद्रा समय, राहुकाल, दिशाशूल, चौघड़िया समय, सूर्योदय, चंद्रोदय आदि.

आज का पंचांग, 21 दिसंबर 2024
आज की तिथि- षष्ठी – 12:21 पी एम तक, उसके बाद सप्तमी
आज का नक्षत्र- पूर्वाफाल्गुनी – 06:14 ए एम, दिसम्बर 22 तक, फिर उत्तराफाल्गुनी
आज का करण- वणिज – 12:21 पी एम तक, विष्टि – 01:22 ए एम, दिसम्बर 22 तक, फिर बव
आज का योग- प्रीति – 06:23 पी एम तक, उसके बाद आयुष्मान्
आज का पक्ष- कृष्ण
आज का दिन- शनिवार
चंद्र राशि- सिंह

सूर्योदय-सूर्यास्त और चंद्रोदय-चंद्रास्त का समय
सूर्योदय- 07:10 ए एम
सूर्यास्त- 05:29 पी एम
चन्द्रोदय- 11:20 पी एम
चन्द्रास्त- 11:34 ए एम

आज के मुहूर्त और शुभ योग
ब्रह्म मुहूर्त: 05:20 ए एम से 06:15 ए एम
अभिजीत मुहूर्त: 11:59 ए एम से 12:40 पी एम
विजय मुहूर्त: 02:03 पी एम से 02:44 पी एम
त्रिपुष्कर योग: 22 दिसम्बर, 06:14 ए एम से 07:10 ए एम तक
रवि योग: 07:10 ए एम से 06:14 ए एम, दिसम्बर 22

दिन का शुभ चौघड़िया मुहूर्त
शुभ-उत्तम: 08:27 ए एम से 09:45 ए एम
चर-सामान्य: 12:19 पी एम से 01:37 पी एम
लाभ-उन्नति: 01:37 पी एम से 02:54 पी एम
अमृत-सर्वोत्तम: 02:54 पी एम से 04:12 पी एम

रात का शुभ चौघड़िया मुहूर्त
लाभ-उन्नति: 05:29 पी एम से 07:12 पी एम
शुभ-उत्तम: 08:54 पी एम से 10:37 पी एम
अमृत-सर्वोत्तम: 10:37 पी एम से 12:20 ए एम, दिसम्बर 22
चर-सामान्य: 12:20 ए एम से 02:02 ए एम, दिसम्बर 22
लाभ-उन्नति: 05:28 ए एम से 07:10 ए एम, दिसम्बर 22

अशुभ समय
राहुकाल- 09:45 ए एम से 11:02 ए एम
गुलिक काल- 07:10 ए एम से 08:27 ए एम
यमगण्ड- 01:37 पी एम से 02:54 पी एम
दुर्मुहूर्त- 07:10 ए एम से 07:51 ए एम, 07:51 ए एम से 08:32 ए एम
भद्रा: 12:21 पी एम से कल 01:22 ए एम तक
दिशाशूल- पूर्व

रुद्राभिषेक के लिए शिववास
भोजन में – 12:21 पी एम तक, फिर श्मशान में

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