मध्यप्रदेशराज्य

करोड़ों का शिक्षक सदन…शिक्षकों के लिए बंद

भोपाल। प्रदेश के दूसरे जिलों से शासकीय काम या टे्रनिंग के लिए भोपाल आने वाले शिक्षकों को आवासीय सुविधा मुहैया कराने के लिए करोड़ों रूपए खर्च कर शिक्षक सदन बनवाया गया है। लेकिन विडंबना यह है कि उसमें शिक्षकों का प्रवेश बंद है। जबकि शिक्षक सदन बनाने का उद्देश्य है कि शिक्षकों को नाममात्र के शुल्क पर शहर के मध्य क्षेत्र में ठहरने की सुविधा मिल जाए। लेकिन ट्रेनिंग या अन्य कार्य से बाहर से आने वाले शिक्षकों को अपने खर्च पर ही होटल या अन्य जगहों पर रुकना पड़ता है।गौरतलब है कि प्रदेश के शिक्षकोंं द्वारा दिए गए अंशदान से राजधानी में स्थापित करोड़ों का शिक्षक सदन उन्हीं के उपयोग से दूर है। शिक्षक सदन को बने तीन साल हो गये हैं लेकिन शिक्षकों को इसमें आवासीय व्यवस्था के लिए प्रवेश तक नहीं मिल पाया है। कारण है कि इसमें जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय संचालित किया जा रहा है। मप्र शिक्षक संघ के पूर्व सचिव राजीव शर्मा का कहना है कि शिक्षकों के पैसे से सदन बना। तीन साल से भवन उन्हें आवासीय व्यवस्था के लिए नहीं दिया गया है। हर दिन प्रदेश के विभिन्न जिलों से आ रहे शिक्षक परेशान हो रहे हैं। विभाग को यह समस्या बताई गई है।

शिक्षक सदन में  जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय
वर्ष 2021 में शिक्षक सदन के ठीक बगल में नवीन निर्माण के लिए डीईओ कार्यालय तोड़ा गया था। 9 करोड़ की लागत से नवीन जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय का निर्माण किया जा रहा है। तभी इस कार्यालय को नजदीक शिक्षक सदन में शिफ्ट किया गया था जबकि निर्माण कार्य मौजूदा वर्ष के नवम्बर में कंपलीट होना था। अभी यह काम अधूरा है। इधर शिक्षक सदन में डीईओ कार्यालय संचालित होने से प्रदेश भर के शिक्षक परेशान हैं। सदन का उद्देश्य यही था कि अगर प्रदेश के किसी भी जिले से शिक्षक राजधानी में आता है तो वह सदन में ठहर सकता है। न्यूनतम किराये पर शिक्षकों और उनके परिवारों को यहां ठहरने की व्यवस्था रही है। पिछले तीन साल से यहां एक भी शिक्षक को आवासीय सुविधा का लाभ नहीं मिल पाया है। शिक्षक राजधानी आते हैं तो होटलों या अन्य जगहों पर उन्हें ठहरना पड़ रहा है।

प्रतिष्ठान में प्रतिवर्ष राशि जमा
लोक शिक्षण संचालनालय में इसके लिए बाकायदा शिक्षक प्रतिष्ठान भी बना हुआ है जिसमें प्राचार्य से लेकर प्रत्येक कैडर से पांच सौ रुपए सालाना राशि जमा कराई जाती है। यदि स्वैच्छिक रूप से कोई ज्यादा राशि जमा कराना चाहता है तो वह दे सकता है। इसी राशि से शिक्षक सदन के उन्नयन मरम्मत एवं आवासीय व्यवस्थाएं जुटाई जाती रही हैं। अब शिक्षकों का कहना है कि उन्हें परेशानी हो रही है। शिक्षक इस संबंध में लोक शिक्षण संचालनालय एवं मंत्रालय स्थित विभाग में भी समस्या बता चुके लेकिन उनकी दिक्कत का समाधान नहीं हो रहा है। भोपाल डीईओ नरेंद्र अहिरवार का कहना है कि भवन निर्माण कंपलीट नहीं हो पाया है। इसके लिए निरंतर निर्माण एजेंसी से बात चल रही है। अब जैसे ही नवीन भवन तैयार होगा तो शिक्षक सदन को खाली कर दिया जाएगा। हम स्वयं इसके लिए चिंतित हैं। शिक्षक सदन की निगरानी का जिम्मा संभागीय संचालक कार्यालय के पास रहता है। शिक्षकों का कहना है जब सदन में जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय लगता है तो उसका बाजार दर से किराया मिलना चाहिए। अगर डीईओ कार्यालय सदन की बजाय किसी दूसरे प्रायवेट भवन में संचालित होता, तब तो किराया भुगतान करना पड़ सकता था। इस कारण डीईओ कार्यालय को प्रतिमाह किराया राशि जमा कराना चाहिए। इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों को आगे आना होगा। इस संबंध में मप्र शिक्षक संघ का कहना है कि शीघ्र ही जेडी कार्यालय को पत्र लिखा जाएगा।

News Desk

The News Desk at Janmorcha.in is committed to delivering timely, accurate, and in-depth coverage of the latest events from across the globe. Our team of seasoned journalists and editors work tirelessly to ensure that our readers are informed with the most current and reliable news. Whether it's breaking news, politics, sports, or entertainment, the News Desk is dedicated to providing comprehensive analysis and insights that matter to our audience. Trust the News Desk at Janmorcha.in to keep you informed with the news that shapes the world around us.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button