यमुना नदी की पानी की गुणवत्ता में 29 बिंदुओं पर जांच होती है
हथनीकुंड बैराज से यमुना नदी की स्वच्छ धारा अविरल बह रही है। यह दावा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी कर रहे हैं। पश्चिमी यमुना नहर की सैंपल रिपोर्ट के मुताबिक पानी के सभी मानक निर्धारित तय मानकों से कम है। इससे साफ जाहिर है कि पश्चिमी यमुना नहर के जरिए दिल्ली को जो पानी सप्लाई किया जा रहा है। वह यहां तो प्रदूषित नहीं हो रहा है।
हर महीने होती है पानी की जांच
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक, हर महीने पश्चिमी यमुना नहर से पानी के सैंपल लेकर जांच करवाई जाती है। 15 जनवरी को मिली रिपोर्ट के मुताबिक पानी सभी मानकों पर खरा उतर रहा है। पानी की जांच के लिए 29 बिंदु निर्धारित किए गए हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, उनमें से एक भी ऐसा नहीं है, जो निर्धारित मानकों पर खरा न उतरता हो। पानी की शुद्धता जांचने के लिए उसमें पीएच लेवल, टोटल सस्पेंडेड सॉलिड, बायोलॉजिकल आक्सीजन डिमांड, केमिकल ऑक्सीजन डिमांड, अमोनिया नाइट्रोजन, नाइट्रेट नाइट्रोजन, टोटल फॉस्फोरस सहित अन्य की जांच की जाती है।
दिल्ली को दिया जा रहा 751 क्यूसेक पानी
मंगलवार को हथनीकुंड बैराज पर आज अधिकतम जल बहाव दोपहर 12 बजे 4200 क्यूसेक दर्ज किया गया जिसमें समझौते अनुसार पूर्वी यमुना नहर को 839 पश्चिमी यमुना नहर को 3009 एवं यमुना नदी में 352 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इसी प्रकार शाम 6:00 बजे यमुना का जलस्तर घटकर 1958 क्यूसेक रह गया जो पूर्वी यमुना नहर में 83 पश्चिमी यमुना नहर में 1523 और यमुना नदी में 352 क्यूसेक छोड़ा गया। हथनीकुंड बैराज से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार दिल्ली को निर्बाध रूप से 751 क्यूसेक पानी की आपूर्ति होती रही।
बाड़ी माजरा में 10-10 एमएलडी के दो प्लांट
यमुनानगर में फिलहाल घरों व फैक्टरियों से निकलने वाले गंदे पानी में से 90 एमएलडी ट्रीट हो रहा है। जिसके लिए परवालों में 24 एमएलडी, बाड़ी माजरा में 10-10 एमएलडी व रेस्ट हाउस के पास 20 व 25 एमएलडी के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए हैं।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने लिये सैंपल
प्रदेश सिंचाई विभाग के चीफ इंजीनियर बीरेंद्र सिंह ने बताया कि मंगलवार को हरियाणा-दिल्ली सीमा में पल्ला गांव के पास से यमुना के पानी के सैंपल लिये गए। इसमें अमोनिया शून्य पाया गया है। इसके अलावा सभी मात्रा संतोषजनक पाई गई है। पानी जहरीला नहीं है। पानी सभी मानकों पर खरा उतरता है।