राजनीति

दिल्ली चुनाव में महिला वोटरों को लुभाने के लिए पार्टियों में मची होड़…राजनीतिक दलों ने निकाला सत्ता हथियाने का नया फॉर्मूला

नई दिल्ली।  दिल्ली विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद राजनीतिक पार्टियों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी है। मप्र, महाराष्ट्र और झारखंड के बाद अब दिल्ली में भी महिला वोटरों को लुभाने के लिए राजनीतिक दलों में होड़ शुरू हो गई है। इसकी बड़ी वजह ये भी है कि हाल के वर्षों में वोटिंग करने वाली महिलाओं की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। इसे देखते हुए दिल्ली में भी अब राजनीतिक दलों ने महिला वोटरों को वोट बैंक के रूप में देखना शुरू कर दिया है। यही वजह है कि तीनों ही दल महिला वोटरों के लिए अपनी योजनाओं पर फोकस कर रहे हैं। दिल्ली चुनाव में सभी दल मुफ्त योजना के रास्ते पर चल रहे हैं। आप की मुफ्त योजनाएं, जैसे मुफ्त बिजली, पानी, और बस यात्रा, इस बार भी चर्चा में है। आम आदमी पार्टी के बाद अब दूसरे दलों की तरफ से भी इस तरह की घोषणा होती रही है।  भाजपा इसे रेवड़ी कल्चर कहते हैं और तर्क देते हैं कि ऐसी योजनाएं सरकारी खजाने पर भारी बोझ डालती हैं। दिल्ली के मतदाताओं को मुफ्त योजनाओं का सीधा लाभ मिलता है। आप की लोकप्रियता के पीछे इसे अहम फैक्टर माना जाता है।महिला मतों को लुभाकर पार्टियां सरकार भले ही बना लें पर जहां राज्य की अर्थव्यवस्था को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ रही है, वहीं महिलाओं का भी कुछ स्थायी और पर्याप्त भला नहीं हो रहा है। महिलाओं को नकद राशि बांटने की घोषणा दिल्ली की आर्थिकी चौपट कर सकती है। महिला मतदाताओं की संख्या में वृद्धि ने पार्टियों को महिला लुभावन घोषणाओं के लिये मजबूर कर दिया है, लेकिन उनकी घोषित योजनाएं महिला मतदाताओं के लिए स्थाई सामाजिक, आर्थिक उन्नति तथा राजनीति में उनके प्रतिनिधित्व एवं अधिकारों की बढ़ोत्तरी से जुड़ी नहीं है। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी मुफ्त योजनाओं और कामकाजी मॉडल के दम पर मैदान में उतर रही है। वहीं भाजपा मोदी फैक्टर और विकास एजेंडा पर जोर देगी। कांग्रेस के पास खोने के लिए दिल्ली में कुछ भी नहीं है ऐसे में पार्टी अपने आप को मजबूत करना चाहेगी।

आप और कांग्रेस योजनाओं की कर चुकी हैं एलान
दिल्ली सरकार ने हाल ही में महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना शुरू की है। आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बीते माह कहा था कि अगर फिर से आप की सरकारी बनती है तो महिलाओं को 1000 रुपये नहीं, बल्कि 2100 रुपये दिए जाएंगे। वहीं, कांग्रेस की ओर से प्यारी दीदी योजना शुरू करने की घोषणा की गई है। इसमें महिलाओं को प्रति माह 2500 रुपये देने की घोषणा की गई है। दूसरी तरफ भाजपा की ओर से अभी फिलहाल कोई योजना की घोषणा नहीं की गई है। फिर भी भाजपा की परिवर्तन रैली में प्रधानमंत्री ने भाजपा शासित अन्य राज्यों में महिलाओं से जुड़ी योजनाओं का जिक्र किया था। ऐसे में माना जा रहा है कि दिल्ली में भाजपा महिलाओं से जुड़ी योजना की जल्द घोषणा कर सकती है।

 71,73,952 महिला गेम चेंजर
राजधानी में कुल मतदाताओं की संख्या 1.55 करोड़ से अधिक पहुंच गई है, जिसमें महिला मतदाताओं की भागीदारी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, कुल 1,55,24,858 पंजीकृत मतदाताओं में 83,49,645 पुरुष, 71,73,952 महिला और 1,261 थर्ड जेंडर मतदाता शामिल हैं। ऐसे में सभी पार्टियों का फोकस महिला मतदाताओं पर है। आम आदमी पार्टी तो पहले ही महिला सम्मान योजना के तहत महिलाओं को 2100 रुपये देने का वादा कर चुकी है। यही नहीं, महिलाओं में इस योजना का भरोसा दिलाने के लिए अपने ही स्तर पर उनका रजिस्ट्रेशन शुरू किया है। हालांकि इसके साथ ही पार्टी ने यह भी कहा है कि चुनाव के बाद अगर वो सत्ता में आती है तो महिलाओं को सम्मान राशि दी जाएगी। कांग्रेस ने भी इसी तरह की योजना का वादा करते हुए महिलाओं को 2500 रुपये देने का वादा करना शुरू कर दिया है। इन दोनों ही दलों को देखते हुए भाजपा भी महिलाओं के लिए अपने चुनाव घोषणा पत्र में इसी तरह का वादा करने की योजना बना रही है। हालांकि अभी वह इस बात का आकलन कर रही है कि महिलाओं को दी जाने वाली ये राशि कितनी रखी जाए।

2020 में जीत का एक्स फैक्टर बनी थी महिलाएं
दिल्ली की राजनीति समझने वाले एक्सपट्र्स का मानना है कि 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में महिलाओं की बड़ी मतदान दर ने ही आम आदमी पार्टी की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। पिछले विधानसभा चुनाव में कुल 70 सीटों पर 62.59 फीसदी मतदान हुआ, जिसमें कुल पुरुष वोटरों के 62.66 और कुल महिला वोटरों के 62.52 फीसदी ने मतदान किया। आम आदमी पार्टी ने इसी गणित को देखते हुए वक्त-वक्त पर महिलाओं के लिए योजनाओं को लागू किया। आप की दिल्ली सरकार ने महिलाओं के लिए बस यात्रा फ्री कर दी थी और इस बार उसने महिला सम्मान योजना का वादा कर दिया है। आप की इस कामयाबी के बाद कांग्रेस ने कर्नाटक में ये फॉम्र्यूला अपनाया और वहां उसने कामयाबी पायी। इसी तरह से भाजपा ने भी पहले मध्यप्रदेश और फिर महाराष्ट्र में जीत हासिल की।

ये फैक्टर भी रहेंगे हावी
बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे मुद्दे हमेशा दिल्ली के दिल में रहा है। दिल्ली की महिलाएं सुरक्षा के मामले में बेहद जागरूक हैं। आप ने महिलाओं के लिए बसों में मुफ्त यात्रा जैसी योजनाएं शुरू करके एक भरोसेमंद छवि बनाने की कोशिश की है। दिल्ली में वायु प्रदूषण हर साल गंभीर समस्या बनता है। स्मॉग, निर्माण कार्यों से धूल, और वाहनों का धुआं बड़े मुद्दे हैं। हर सरकार की तरफ से दावा होते रहे हैं कि प्रदूषण का समाधान किया जाएगा हालांकि अब तक कोई ठोस समाधान दिल्ली के प्रदूषण को लेकर नहीं देखने को मिला है। दिल्ली में झुग्गी क्षेत्रों में रहने वाले मतदाताओं के लिए आवास और पुनर्वास बड़ी चिंता है। आप ने जहां झुग्गी, वहीं मकान योजना शुरू की है। यह देखना होगा कि जनता इसे कितना स्वीकार कर रही है। माना जाता है कि आम आदमी पार्टी की झुग्गी वोटर्स में मजबूत पकड़ है। दिल्ली की कानून व्यवस्था केंद्र सरकार के हाथ है। अरविंद केजरीवाल की तरफ से लगातार इसे लेकर आवाज उठाए जाते रहे हैं। दिल्ली की कानून व्यवस्था एक बड़ी चुनौती रही है। दिल्ली की जनता विधानसभा चुनाव में इसे भी एक फैक्टर के तौर पर रख सकती है।

News Desk

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