छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में अचानकमार टाइगर रिजर्व में में बाघिन की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला सामने आया है. बाघिन की मौत ने प्रबंधक की कार्यशैली पर अनेकों सवाल खड़े कर दिए हैं. बाघिन की गले पर किसी नुकीले हथियार के वार करने के निशान मिले है. गुरुवार को सुबह 8 बजे सूचना मिलने बाद शुक्रवार दोपहर वनकर्मी मौके पर पहुंचे. बाघिन की मौत को लेकर प्रबंधक का दावा है कि बाघ से संघर्ष करते हुए बाघिन की जान चली गई.
बाघिन की लाश अचानकमार टाइगर रिजर्व एरिया (ATR)में लमनी से छिरहट्टा जाने वाले मार्ग पर पड़ी हुई थी. हालांकि, वन विभाग के अधिकारियों को इस बात की जानकारी नहीं थी. गुरुवार को स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स की टीम यहां से गुजर रही थी. तभी उन्हें बाघिन का शव नजर आया. उन्होंने तुरंत वन विभाग को इस बात की जानकारी दी. घटना की जानकारी मिलने के बाद वन अधिकारी सहित वनकर्मी मौके पर पहुंचे.
बाघिन की मौत बनी पहेली
प्रबंधन का कहना है कि जिस इलाके में बाघिन का शव मिला है. वह टी-200 बाघ का क्षेत्र है. इस बात को देखते हुए प्रबंधक का दावा है कि बाघिन की जान बाघ से संघर्ष करते हुए चली गई है. हालांकि, स्थानीय लोग इस बात को मनाने के लिए तैयार नहीं हैं. बाघिन के गले में नुकीले हथियार के घाव के निशान है. इसलिए लोग इस घटना को शिकारी से जोड़कर देखकर दे रहे हैं. लोगों का कहना है कि अगर बाघिन की मौत बाघ से संघर्ष के दौरान हुई है तो वह ट्रैप कैमरे में जरूर कैद हुई होगी. उसे सामने लाना चाहिए.
6 साल की बाघिन की मौत
अचानकमार टाइगर रिजर्व में जिस बाघिन की मौत हुई उसकी उम्र छह साल थी. बाघिन की मौजदूगी शुरू से ही लमनी क्षेत्र में थी. वन विभाग ने बाघिन के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. अब बाघिन के मौत का सही कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने के बाद ही पता चल पाएगा.