संस्कृति - अयोध्या

कौन सा है वह सांप जो शंकर जी के गले में दिखता है, कहां है उसका मंदिर?

महाकुंभ का मेला (Mahakumbh 2025) प्रयागराज में शुरू हो चुका है. इस कुंभ में प्रयागराज में गंगा स्नान का बहुत महत्व है. वैसे तो पौराणिक कथाओं में कुंभ का भगावन शिव से सीधा कोई संबंध नहीं है. लेकिन  शंकर भगवान की चर्चा कुंभ में अधिक होती है क्योंकि कुंभ मेला नागा साधुओं के भाग लेने से विशेष तौर पर सुर्खियों में रहता है, जो शिव जी के उपासक होते हैं. शिवजी का ध्यान आते ही एक ऐसे शख्स की तस्वीर जहन में आती है जो कपड़े नहीं पहना है और  उसके गले में एक सांप (Snake on Lord shiva neck) होता है. आइए जानते हैं कि यह कौन सा सांप है और इसका प्रयागराज से क्या नाता है?

देवता के गले में सांप
शंकर जी की छवि एक बहुत ही सरल के किस्म के देवता की है. वे किसी तरह के कुलीन, सम्पन्न और बहुत ही राजसी व्यक्ति कि तरह दिखाई नहीं देते हैं. इसके उलट वे ऐसे देवता हैं जो कपड़े नहीं पहनते हैं, शेर की खास पहनते है. तामसिक प्रवृतियों के देव हैं. जो किसी को नहीं चढ़ता वह उनको चढ़ता है. उनका अस्त्र भी त्रिशूल जैसा असामान्य अस्त्र है.  और सबसे अजीब बात उनका वाहन बैल है और उनके गले में एक सांप दिखाई देता है. पर आखिर यह सांप कौन सा है?

कोबरा नहीं है ये सांप
अगर आप शंकर जी की प्रचलित तस्वीरों पर गौर कर अक्सर आपको इसमें किंग कोबरा ही दिखाई देगा.  पर क्या असल में शंकर जी के गले में किंग कोबरा ही विराजमान रहता है ? जी नहीं अगर पुराणों और अन्य धार्मिक ग्रंथों में दिए भगवान शिव के विवरण को मानें तो शिव जी के गले में नाग वासुकि विराजमान हैं

कौन हैं वासुकि नाग?
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार वासुकि नागों के देवता और भगवान शिव के अनन्य भक्त थे और उनकी भक्ति से प्रसन्न हो कर ही उन्होंने वासुकि को अपने गले में धारण किया था. इसके अलावा भी वासुकि की वर्णन कई जगह मिलता है लेकिन समुद्र मंथन में वासुकी की विशेष भूमिका रह है.

तो क्या असल में नहीं है वासुकि की अस्तित्व
संयोग कहें या चमत्कार ऐसा बिलकुल नहीं है. साल 2005 में वासुकि नाग के अवशेष गुजराज के कच्छ जिले में एक खदान में मिले थे. तमाम अध्ययनों के बाद साल पिछले साल ही वैज्ञानिकों ने माना कि यह 10.9 से 15.2 मीटर  लंबा पुरातन सांप था जो अब तक का सबसे लंबा और विशाल सांप था. अनुमान है कि इसका वजन एक टन का था

शायद ये वासुकि ना हो, तो भी…
बेशक इस सांप का नाम वैज्ञानिकों ने वासुकि सांप के नाम पर वासुकि इंडस रखा है. लेकिन रिसर्च यह जरूर साबित करती है कि जिस तरह पुराणों में इंसानों के कई गुना बड़े नागों का जिक्र है, वह असंभव नहीं था. ऐसे में चाहे वासुकी हो या शेषनाग उनका अस्तिव नहीं होगा, ऐसा दावा करना अब मुश्किल है.

कहां है वासुकी का मंदिर
कम लोगों को पता है कि भारत में वासुकि नाग का भी एक मंदिर हैं.संयोगवश यह मंदिर वहीं है जहां आज कुंभ का मेला लगा हुआ है, यानी कि प्रयागराज जिसे कुछ सदियों पहले इलाहबाद कहा जाने लगा था.. प्रायग राज के नागराज वासुकी मंदर की खास बात ये है कि यहां वासुकी देवता के रूप में विराजमान है और मान्यता है कि यहं जाने वाले का कालसर्पदोष नष्ट हो जाता है.

News Desk

The News Desk at Janmorcha.in is committed to delivering timely, accurate, and in-depth coverage of the latest events from across the globe. Our team of seasoned journalists and editors work tirelessly to ensure that our readers are informed with the most current and reliable news. Whether it's breaking news, politics, sports, or entertainment, the News Desk is dedicated to providing comprehensive analysis and insights that matter to our audience. Trust the News Desk at Janmorcha.in to keep you informed with the news that shapes the world around us.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button