भरी अदालत में पत्नी ने पूछा तलाक के अलावा और क्या चाहिए? पति ने मांगे 47 लाख रुपए, फिर जो हुआ…
वडोदरा: हाल ही में 79 साल के एक दंपत्ति के तलाक की खबर ने सभी को हिलाकर रख दिया है। इस उम्र में एक-दूसरे का हाथ थामे जिंदगी का यह पड़ाव गुजारना पड़ता है। लेकिन, दंपत्ति ने अलग होने का फैसला किया। यह मामला गुजरात के वडोदरा का बताया जा रहा है। 79 साल के दंपत्ति का तलाक का मामला काफी दिलचस्प है। दोनों दंपत्ति कई सालों से अलग-अलग रह रहे थे। दोनों ही कारोबारी परिवार से ताल्लुक रखते हैं।
लंबे समय तक अलग रहने के बाद उन्होंने आपसी सहमति से तलाक ले लिया। दंपत्ति के नाम (बदले हुए) रोहिणी और सत्यम हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वडोदरा की एक फैमिली कोर्ट ने भी पति की शर्त को मानते हुए तलाक को मंजूरी दे दी है। पति ने अपनी पत्नी रोहिणी से गुजारा भत्ता के तौर पर 47 लाख रुपये मांगे थे।
मामला तलाक तक क्यों पहुंचा?
उन्होंने कहा कि उनके रिश्ते में नैतिकता और आचार-विचार की कमी थी। दोनों के विचार मेल नहीं खाते थे। याचिका में कहा गया कि दोनों के विचार बिल्कुल अलग थे, जिसकी वजह से उनके रिश्ते काफी तनावपूर्ण थे। यह बात सामने आई कि सत्यम और रोहिणी 2009 से अलग रह रहे थे। सत्यम ने तीन साल पहले तलाक की अर्जी दी थी।
पति कोई जिम्मेदारी नहीं निभा पाया
सत्यम के तलाक की अर्जी देने के बाद पूरा परिवार हैरान रह गया। उन्होंने शुरुआत में दोनों के बीच सुलह कराने की काफी कोशिश भी की, लेकिन बात नहीं बनी। उन्होंने कहा कि जब वे 15 साल से अलग रह रहे हैं, तो तलाक ही सबसे आसान विकल्प है। वहीं, पारुल ने सत्यम पर गैरजिम्मेदाराना होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि न तो उन्होंने पिता होने का फर्ज निभाया और न ही कारोबार में उनकी मदद की।
पति ने अलग रहने का फैसला किया
रोहिणी ने कहा कि सत्यम ने ही अलग रहने का फैसला किया। मैं तलाक के लिए तैयार हूं। मैं सत्यम को गुजारा भत्ता देने के लिए भी तैयार हूं। उसे बस अपनी सारी चल-अचल संपत्तियां देनी होंगी और कारोबार में अपनी भागीदारी छोड़नी होगी। आपको बता दें कि रोहिणी वडोदरा में रहती हैं और सत्यम कर्नाटक में बस गए हैं।